भीषण गर्मी के बावजूद नहीं थमा महिला सशक्तिकरण का उत्साह

 

आज़ाद जीविका महिला ग्राम संगठन में हुआ महिला संवाद कार्यक्रम, विकास को लेकर महिलाओं ने दिए दूरदर्शी सुझाव

पश्चिम चंपारण जिले के भीतहा प्रखंड अंतर्गत परसौनी पंचायत में आज़ाद जीविका महिला ग्राम संगठन के तत्वावधान में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी, स्थानीय विकास के मुद्दों पर विचार-विमर्श, तथा महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से किया गया।भीषण गर्मी और उमस भरे मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाओं की सहभागिता यह दर्शा रही थी कि महिलाएं अब सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि नीति निर्माण और सामाजिक विकास में सक्रिय भूमिका निभा रही

इस संवाद कार्यक्रम में ऑडियो-विजुअल माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके माध्यम से महिलाओं ने यह समझा कि सरकार उनके सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक सशक्तिकरण के लिए किन-किन योजनाओं का संचालन कर रही है।जानकारी प्राप्त करने के उपरांत महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और योजनाओं की प्रभावशीलता पर चर्चा की। उन्होंने कुछ योजनाओं को लाभकारी बताया, वहीं दूसरी ओर कई विकासात्मक मांगें और सुधारात्मक सुझाव भी सामने रखे।महिलाओं ने गर्मी से बचाव और उपजाऊ मिट्टी के कटाव कि समस्या को रोकने के लिए सड़क के दोनों ओर छायादार पेड़ लगाने की माँग की। महिलाओं ने कहा कि यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित विरासत भी होगी।महिलाओं ने बताया कि इस क्षेत्र में केला और गन्ना की अच्छी फसल होती है, लेकिन उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान आर्थिक रूप से पिछड़े रह जाते हैं। उन्होंने सरकार से कोल्ड स्टोरेज और फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की अपील की, जिससे उत्पादों को सुरक्षित रखा जा सके और बेहतर दाम मिल सके।महिलाओं ने पुर ज़ोर तरीक़े से ज़िला मुख्यालय से दूरी का हवाला देते हुए स्थानीय स्तर पर डिग्री कॉलेज खोले जाने की मांग रखी। उनका कहना था कि इससे बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा और शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी। इस

क्षेत्र में अक्सर आग लगने की घटनाएं होती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। महिलाओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस इलाके में स्थायी फायर स्टेशन और बड़ी दमकल गाड़ी की व्यवस्था की जाए ऐसी घटनाओं को रोका जा सके । महिलाओं ने मानपुर से प्रखंड मुख्यालय तक पहुँचने के लिए लंबा रास्ता तय करने की बात सामने आई और महिलाओं ने सुझाव दिया कि पीपा पुल का निर्माण कराया जाए जिससे आवागमन सुलभ हो सके और समय की बचत हो। बताते चले कि महिलाओं की आकांक्षाओं कि ऑनलाइन एंट्री उसी दिन कर ली जाती है और ज़िल्लाधिकारी महोदय तक सभी सूचनाओं का संप्रेषण किया जाता है ।

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