बिहार पुलिस में बड़ा फेरबदल, 990 सिपाहियों को मिली ASI की कुर्सी, 731 अधिकारियों की वरीयता सूची जारी, सजा और केस वालों को झटका

बेतिया:_बिहार पुलिस में एक बड़े प्रशासनिक बदलाव के तहत, बिहार पुलिस मुख्यालय ने 990 सिपाहियों को सहायक अवर निरीक्षक (ASI) के पद पर पदोन्नति देने का ऐलान किया है। यह निर्णय बिहार पुलिस सेवा में कार्यरत सिपाहियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी मेहनत और समर्पण का सम्मान करता है। इसके साथ ही, पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) ने बिहार पुलिस सेवा के 731 पदाधिकारियों की औपबंधिक वरीयता सूची भी जारी की है, जो 1 अप्रैल 2025 की स्थिति के आधार पर तैयार की गई है

990 सिपाहियों की पदोन्नति: नई जिम्मेदारी, नया सम्मान

 

बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 990 सिपाहियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और सेवा के आधार पर सहायक अवर निरीक्षक (ASI) के पद पर पदोन्नत किया गया है। यह पदोन्नति न केवल इन पुलिसकर्मियों के करियर में एक नया अध्याय जोड़ेगी, बल्कि बिहार पुलिस के कार्यक्षमता और नेतृत्व को भी और मजबूत करेगी। इन नव-पदोन्नत ASI को विभिन्न जिलों और इकाइयों में तैनात किया गया है, जहां वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

731 पदाधिकारियों की औपबंधिक वरीयता सूची: पारदर्शिता की पहल

 

पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) ने बिहार पुलिस सेवा के 731 पदाधिकारियों की औपबंधिक वरीयता सूची भी जारी की है। यह सूची 1 अप्रैल 2025 की स्थिति को आधार मानकर तैयार की गई है और इसे सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों, वरीय पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों और बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के समादेष्टाओं को भेजा गया है। इस सूची का उद्देश्य बिहार पुलिस सेवा में वरीयता के आधार पर पदोन्नति और तैनाती की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना है।

सूची के साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को इस वरीयता सूची के संबंध में कोई आपत्ति या दावा करना हो, तो वे सात दिनों के भीतर अपने दावे के समर्थन में अभिप्रमाणित साक्ष्यों के साथ पुलिस मुख्यालय में आवेदन कर सकते हैं। यह कदम सुनिश्चित करता है कि वरीयता सूची में किसी भी प्रकार की विसंगति को समय रहते सुधारा जा सके।

 

कठोर शर्तें: सजा और केस वालों को नहीं मिलेगा प्रभार

 

पदोन्नति और वरीयता सूची के साथ जारी अधिसूचना में सख्त शर्तें भी शामिल हैं। अधिसूचना के अनुसार, यदि किसी पदाधिकारी के खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही लंबित है, निलंबन प्रभावी है, या कोई सजा लागू है, तो उन्हें कार्यकारी प्रभार नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, जिन पदाधिकारियों के खिलाफ निगरानी, फौजदारी, या आपराधिक मामला विचाराधीन है, वे भी इस पदोन्नति या कार्यकारी प्रभार के लिए पात्र नहीं होंगे।

 

पदोन्नति की प्रक्रिया और भविष्य की योजनाएं

 

बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार, यह पदोन्नति प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है। आने वाले समय में और भी पुलिसकर्मियों को उच्चतर कार्यकारी प्रभार सौंपा जाएगा। हाल के आंकड़ों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में विभिन्न संवर्गों के 12,987 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को कार्यकारी प्रभार दिया गया है, जिसमें सिपाही से लेकर पुलिस निरीक्षक तक के पद शामिल हैं। अगले एक महीने में करीब 3,000 और योग्य पदाधिकारियों को उच्चतर प्रभार सौंपने की योजना है।

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