काम के नाम पर इतराने वालो, मुसलमानों से वोट की भीख क्यों?:_ नजरे आलम

 

दरभंगा:_ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम ने जदयू नेताओं द्वारा लगातार मुसलमानों को कमतर आंकने, वोट न देने वाला बोलकर समाज में जलील करने पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा के मुसलमानों पर गलत टिप्पणी से परहेज करें जदयू नेता। मुसलमान हमेशा से काम करने वालों के साथ रहा है, बिहार को आगे बढ़ाने और सबको साथ लेकर चलने वालों के साथ रहा है। मुसलमान किसे वोट देता है, देगा, न देगा, दे रहा है या आगे नहीं देगा इसकी नसीहत मुसलमानों को जदयू के नेता नहीं दें। नीतीश कुमार जी बेहतर जानते हैं के मुसलमान उनका कितना सम्मान करता है और वोट कितना देता है। बेतुका और बेहूदा ब्यान से नेताओं को परहेज करना चाहिए।

नजरे आलम ने आगे कहा के पहले देवेश चन्द्र ठाकुर, फिर ललन सिंह उसके बाद बलियावी और अब संजय झा, और कोई रह गया हो मुसलमानों को गाली देने वाला तो बता दिजिए नीतीश बाबू, ये लोग जिस तरह मुसलमानों को वोट न देने वाला बता बताकर कोस रहा है, अगर उतनी ईमानदारी से आपके साथ काम करता, मास लीडर बनकर जनता के साथ ईमानदारी बरतता, सम्पत्ति अर्जित न करता और अपने लोगों के द्वारा उगाही न करता, आपके कामों को लेकर आगे बढ़ता और जातपात देखकर लोगों से भेदभाव नहीं करता तो मुसलमानों से वोट की भीख नहीं मांगनी पड़ती, लोग खुद बखुद वोट देते। खैर अब भी समय है न सिर्फ भाजपा, विपक्ष की पार्टियां भी आपकी पार्टी को 2025 में खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही है, इसलिए ऐसे नेताओं को लगाम लगाईए और कमान अपने हाथों में लेकर सम्मान पूर्वक मुस्लिम समुदाय के साथ इंसाफ किजिए। फिर आपके नेता को 2025 में मुस्लिम समुदाय से वोट की भीख नहीं मांगनी पड़ेगी, लोग बढ़चढ़कर आपको वोट करेंगे।

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