पटना में बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के सवाल पर आंदोलनरत छात्रों पर लाठीचार्ज के खिलाफ आइसा–आरवाईए ने निकाला राज्यव्यापी प्रतिवाद मार्च

 

 

रोजगार मांगने पर लाठी और जेल बर्दाश्त नहीं– आइसा – आरवाईए

दरभंगा:_बीते दिनों पटना में बीपीएससी में नॉर्मलाइजेशन के सवाल पर आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई, उनपर फर्जी मुकदमे दायर करने तथा छात्रों की गिरफ्तारी से राज्यभर के छात्रों में आक्रोश है। आए दिन रोजगार के सवालों पर छात्रों के आंदोलन के पुलिसिया दमन व इस सवाल को गौण कर देने की भाजपा–जदयू सरकार की राजनीति के खिलाफ छात्र संगठन आइसा एवं आरवाईए ने आवाजा उठाई है। इसी आलोक में पटना की घटना के खिलाफ आइसा–आरवाईए द्वारा राज्यव्यापी प्रतिवाद मार्च का आयोजन किया गया।

 

छात्रों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के खिलाफ आइसा एवं आरवाईए ने दोनार चौक से मारवाड़ी कॉलेज तक सैकड़ों छात्रों के साथ प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रतिवाद मार्च के उपरांत हुई जनसभा में पुलिस अधिकारियों, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।

 

आइसा दरभंगा के जिला सचिव मयंक कुमार ने उक्त घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा–जदयू सरकार की इस चरम बेरोजगारी के दौर में छात्रों को अपना हक मांगने का भी अधिकार नहीं रह गया है। सिविल सर्विस की परीक्षाओं में नॉर्मलाईजेशन के खिलाफ कई राज्यों में आंदोलन हो रहे हैं। छात्रों की वाजिब मांगों को लेकर नीतीश सरकार घबराई हुई है, वह अत्यंत निन्दनीय है। छात्रों पर इस तरह लाठीचार्ज हुआ है, जैसे वे कोई अपराधी हों। बिहार सरकार बता दे कि राज्य में रोजगार के सवाल पर आंदोलन करना अपराध हो गया है क्या? आइसा बिहार सरकार से मांग करता है कि आंदोलनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए तथा जिन भी छात्रों को गिरफ्तार किया गया है, उनपर किए गए एफआईआर निरस्त कर उन्हें अविलंब रिहा किया जाए। छात्र अधिकारों के दमन के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत होगी!

 

आरवाईए नेता संदीप कुमार चौधरी ने कहा कि आज भाजपा के नेतृत्व में देशभर में छात्रों, किसानों, महिलाओं, दलितों पर बर्बर दमन का सत्ता प्रायोजित अभियान चल पड़ा है। कोई भी सामाजिक वर्ग अपने हक और अधिकार के लिए सामने आता है तो उसे दमन का शिकार होना पड़ता है। विडंबना देखिए कि सबका साथ–सबका विकास की बात करने वाली मोदी सरकार व उसकी साझेदार जदयू बिहार में छात्रों की आवाज को ऐसे कुचल रही है जैसे वो कोई गुनाह कर रहे हों। सरकार की तरफ से अबतक कोई संवाद नहीं किया गया है। आरवाईए स्पष्टतः मांग करता है कि आंदोलनकारी छात्रों के प्रतिनिधि मंडल से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री संवाद करें और छात्रों की मांगों पर त्वरित सुनवाई हो।

 

मार्च में सुभाष कुमार, किशुन कुमार, लालू यादव, दिलीप यादव, गोलू कुमार, दीपक कुमार पासवान, विशाल कुमार, ओणम कुमारी, संतोष कुमार यादव, कृष्ण कुमार, श्रवण कुमार, गौतम कुमार सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया।

 

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