बेतिया:__ संयुक्त किसान मोर्चा , केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों तथा खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त मंच के देशव्यापी आह्वान पर 26 नवंबर 2024 को हम अपनी चेतावनी प्रदर्शन के माध्यम से आप के समक्ष अपनी न्यायपूर्ण मांगों की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराते हुए उसे पूरा करने की मांग कर रहे हैं।साथ ही पश्चिम चम्पारण जिला चेतावनी प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को आगाह कर रहे हैं कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं तो हम और बड़े आंदोलन की ओर कूच करेंगे ।
हम आप से मांग कर रहे हैं कि
1. सी 2+50 % के आधार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी के साथ सभी फसलों की खरीद की गारंटी की जाए।
2. किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना बनाई जाए और आम जनता के लिए खाद्य सुरक्षा की गारंटी की जाए।
3. बिजली क्षेत्र का निजीकरण न हो तथा प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगाये जाएं ।
4. कॉरपोरेट कम्पनियों के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण बंद हो। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों का सख्ती से पालन हो।
5. फसलों , पशुधन , बागवानी सहित कृषि के अन्य क्षेत्र में सार्वजनिक बीमा योजना लागू की जाए।
6. मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाए।
7. आंगनबाड़ी, आशा, ममता, रसोइया सहित सभी योजनाकर्मियों एवं संगठित-असंगठित मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26000 रुपए के न्यूनतम मासिक वेतन को लागू किया जाए।
8. साठ वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्ग व वृद्ध खेत मजदूरों एवं किसानों के लिए 10 हजार रुपए की मासिक पेंशन योजना लागू की जाए।
9. सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगायी जाए।श्रम में ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए।
10. नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुराने
पेंशन स्कीम को लागू किया जाए।
भारतीय श्रम सम्मेलन प्रति वर्ष पुनः
आयोजित किया जाए।
11. मनरेगा में 200 दिन काम और 600 रुपये मजदूरी देने और इसे कृषि, पशुपालन और वाटर शेड आधारित योजना से जोड़ने की गारंटी की जाए।
12. बिहार में डी. बंद्योपाध्याय भूमि सुधार आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसकी सिफारिशों को लागू किया जाए तथा गरीबों को 5 डिसमिल आवासीय जमीन दिया जाए।
13. पश्चिम चम्पारण के पर्चाधारियों को
दखल दहानी दिलाया जाए।
14. भूमि हदबंदी से फाजिल, भूदान एवं सरकारी गैर मजरूआ जमीन से प्राप्त या बंदोबस्त किये गये जमीन को गांव के खेतिहर मजदूरों एवं गरीब किसानों को भूमि रेकार्ड में सुनिश्चित करने और भूमि सम्बन्धी सभी दस्तावेजों को हिन्दी में उपलब्धता की गारंटी करने तथा जमीन रेकार्ड सम्बन्धी अशुद्धियों एवं गलतियों के परिष्कार के बाद ही विशेष भूमि सर्वेक्षण के काम को आगे बढ़ाया जाए।
15. बिहार में एपीएमसी कानून के तहत कृषि मंडी को पुनर्बहाल किया जाए।
16. बिहार में उचित जलप्रबंधन के जरिए बाढ़, जलजमाव एवं सुखाड़ की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए।
17. असंगठित व भवन निर्माण क्षेत्र के मजदूरों के जन कल्याण हेतु श्रम विभाग में संचित करोड़ों रुपए की राशि में हो रहे भ्रष्टाचार एवं धांधली की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच कराई जाए और दोषियों को दण्डित किया जाए।
इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए किसान मजदूर नेताओं ने कहा कि इस चेतावनी रैली के माध्यम से हम केन्द्र सरकार को तीन महीने का अल्टीमेटम देने का संकल्प लेते हैं। यदि इस अवधि के भीतर मांगों को लागू नहीं किया गया, तो एसकेएम के घटक किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों और खेत मजदूरों के संगठनों को आपसी समन्वय स्थापित करके बड़े पैमाने पर अनिश्चितकालीन और देशव्यापी कॉरपोरेट विरोधी संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
*संयुक्त किसान मोर्चा*, *केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों एवं खेत मजदूर संगठनों का मंच*
संयुक्त किसान मोर्चा पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी के संयोजक प्रभुराज नारायण राव, किसान सभा अजय भवन के राधामोहन यादव, लोक संघर्ष समिति के पंकज,बिहार राज्य किसान सभा जमाल रोड के राज्य कार्यकारिणी सदस्य चाँदसी प्रसाद यादव,जिला सचिव हरेंद्र प्रसाद,ए आई के एम एस के मानती राम,सीटू के जिला सचिव शंकर कुमार राव,ईख उत्पादक संघ के मनोज कुशवाहा ,बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश वर्मा,खेत मजदूर यूनियन के सुबोध मुखिया,भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नेसार अहमद,रामा यादव,जगरनाथ यादव ,संत राम, तारिक अनवर, सुनील यादव, अंजारुल आदि ने संबोधित किया।