दरभंगा :_लनामिवि के उर्दू विभाग द्वारा मौलाना अबुल कलाम आज़ाद चेयर के तत्वावधान में सोमवार को देश के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर डॉ गुलाम सरवर की अध्यक्षता में संगोष्ठी आयोजित हुई । अध्यक्षीय संबोधन में उर्दू विभागाध्यक्ष एवं मौलाना अबुल कलाम आजाद चेयर के निदेशक डॉक्टर सरवर ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता संग्राम एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। विषय प्रवेश कराते हुए विभागीय शिक्षक डॉ मोहम्मद मोतीउर रहमान ने मौलाना आज़ाद के बहुआयामी व्यक्तित्व, साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान का स्मरण किया। विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. नासरीन सुरैया ने अपने उद्बोधन में मौलाना के समस्त जीवन एवं उनकी उपलब्धियों को नई पीढ़ी के लिए पथ प्रदर्शक करार दिया। शोधार्थी डॉक्टर मोहम्मद हस्सान जाजिब ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की पत्रकारिता के क्षेत्र में स्थापित किए गए प्रतिमान पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी का आरंभ अभिलेखागार में संरक्षित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के व्याख्यान से किया गया। संगोष्ठी में स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय सेमेस्टर की छात्र-छात्राएं मो. शफातुल्लाह अंसारी, मो. इमरान, मो. अजमतउल्लाह, फातिमा खातून, नदिया शाहीन, सना परवीन, नसीम बेगम, कहकशां परवीन, आफरीन सबा, सालेहा सिद्दीका, नियाज आलम, दिल निशा परवीन, आयशा खातून, नगमा तोहिद, रुखसाना परवीन, मरियम फातिमा, सबा परवीन, आयशा परवीन, इशरत मुमताज, मो. नूरुल हुसैन, मो. नूरैन, नाज़रीन फिरदौस, मो. मुबशिर रफीक, मो. ज़िशान आलम इत्यादि ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विभिन्न पहलुओं पर अपना आलेख प्रस्तुत किया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में स्नातकोत्तर प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।