स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत छात्र-छात्राओं ने लिया पॉलिथीन सिंगल यूज प्लास्टिक के बर्तनों का बहिष्कार,।

स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संकल्प। ।

 

खादी के अंग वस्त्रो से अतिथियों को किया गया सम्मानित।

 

बेतिया , पश्चिमी चंपारण, बिहार(ब्रजभूषण कुमार) :_सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट, राजकीय कन्या मध्य विद्यालय एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से “स्वच्छता ही सेवा “के अंतर्गत छात्र-छात्राओं ने पॉलिथीन सिंगल सिंगल यूज‌ प्लास्टिक के बर्तनों का बहिष्कार, स्वच्छ वातावरण ,स्वच्छता ,पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, बाल विवाह उन्मूलन एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संकल्प लेते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डा एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक ,मुख्य अतिथि प्रीतम कुमार , विशेष अतिथि वकार अहमद,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की प्रधान अध्यापिका कुमारी नन्दा एवं माहे खातून ने संयुक्त रूप से कहा कि स्वच्छ भारत अभियान अपनी 10वीं स्थापना दिवस वर्ष मना रहा है। पूरे देश में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा है के अंतर्गत विशेष स्वच्छता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। स्मरण रहे कि 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने एवं जनभागीदारी के माध्यम से इसे प्राप्त करने का स्पष्ट आह्वान किया। इसके बाद, 2 अक्टूबर 2014 को ‘सम्पूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के तहत स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई, जिसमें स्वच्छता को ‘हर किसी का काम’ बनाया गया। इसके बाद, पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे पूरा देश एकजुट हुआ और स्वच्छता के लिए दुनिया के सबसे बड़े जन आंदोलन के रूप में जाना जाने वाला आंदोलन बनाया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत हमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी एवं चंपारण के स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के साथ-साथ स्वच्छता एवं सामाजिक कुरीतियां से मुक्ति के लिए जन जागरण कार्यक्रमों को स्मरण करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। चंपारण की धरती जन जागरण त्याग एवं बलिदान की धरती रही है। चंपारण सत्याग्रह 1917 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बेतिया चंपारण की धरती से राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलनो के साथ-साथ स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण ,बाल विवाह उन्मूलन एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के लिए जन जागरण अभियान चलाया था।

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