बेतिया(ब्रजभूषण कुमार) :_भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव तथा अंतर्राष्ट्रीय कम्यूनिस्ट नेता का. सीताराम येचुरी
के निधन की सूचना पूरे विश्व में आग की तरफ फैल गई ।सूचना मिलते ही पार्टी के पश्चिम चंपारण जिला कार्यालय का झंडा झुका दिया गया ।का. सीताराम येचुरी अपने छात्र जीवन में ही भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य बन गए ।वे एस एफ आई के राष्ट्रीय महासचिव रहे ।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली की छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर दो बार निर्वाचित हुए थे ।का. सीताराम येचुरी एक प्रशासनिक पदाधिकारी के पुत्र थे ।वे पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य बने ।फिर राष्ट्रीय सचिवमंडल के सदस्य के रूप में काम करते रहे ।उसके बाद का. सीताराम येचुरी पार्टी के पोलितब्यूरो के सदस्य निर्वाचित हुए ।विशाखापट्टनम पार्टी कांग्रेस में वे महासचिव पद पर निर्वाचित हुए।तब से अंतिम क्षण तक वह पार्टी के महासचिव रहे ।
का. सीताराम येचुरी से मेरी मुलाकात 1978 में दिल्ली में एसएफआई के एक कन्वेंशन में हुई थी।दूसरी मुलाकात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में जब वे छात्र संघ के अध्यक्ष थे ,तो जेएनयू के छात्र संघ कार्यालय में हुई थी। का. सीताराम येचुरी देश में काम करने वाले पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं का बहुत ख्याल रखते थे। उनसे अंतिम मुलाकात अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में हुई थी ।जब का. अमरा राम के लोकसभा चुनाव में सीकर से विजई होने के बाद उनके अभिनंदन समारोह में हुई थी ।का. सीताराम येचुरी जब खाना खा रहे थे, तो मैं उन्हें पानी दिया। फिर हाथ धोने के बाद उनके मुंह में लगे चावल के टुकड़े को साफ करने के लिए मैंने अपनी रुमाल निकाली और उनके मुंह को साफ किया ।
AIKS पर काम करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रथम दिन 27 अगस्त का प्रशिक्षण का. सीताराम येचुरी को लेना था।लेकिन अस्वस्था के कारण उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया।उन्हें कई बार आई सी यू में जाना पड़ा।अंत में आज हम सबको छोड़ कर हमेशा के लिए चले गए।में अपनी नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
प्रभुराज नारायण राव
सदस्य,बिहार राज्य सचिबमंडल
भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)