FIR में लापरवाही बरतने वाले मध्य निषेध विभाग के दो अधिकारी पर करवाई और पर करवाई होने की संभावना

 

मध्य निषेध विभाग के द्वारा एफआईआर में बरती गई लापरवाही, FIR मे नमक की मात्रा नहीं दर्शाना गंभीर , खबर पर लगी मुहर, उपायुक्त मद्य निषेध दीनबंधु ने सौंपी विभाग को 32 पेज की जांच रिपोर्ट

 

 

दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट ):_ दर्पण24 न्यूज़ में छपी एक और खबर पर मुहर र लगी है। नमक की बोरी में छिपाकर ले जा रही शराब जप्ती मामले में उपायुक्त दीनबंधु ने मद्य निषेच विभाग को जांच रिपोर्ट सौप दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट 32 पृष्ठ के है। जिसमें राष्ट्रीय सहारा में छपी खबर का कतरन भी लगाया गया है। विभाग को सौपे जांच रिपोर्ट में उपायुक्त मद्य निषेध दीनबंधु ने इंफॉर्मेट सह अवर निरीक्षक मद्द निषेध चलंत दल, विश्वमोहन कुमार पासवान और कांड के आईओ सह मद्द निषेध निरीक्षक प्रकाश कुमार राम की बड़ी लापरवाही का जिक्र किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी मात्रा में शराब पकड़ी गई थी जहां पदाधिकारियों की देखरेख में सभी काम पूरा होना चाहिए था। मगर मौके पर से पदाधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण ही जप्त नमक को ड्राइवर के साथ साथ आम जनता लूट रहे थे।

 

जांच रिपोर्ट में इस प्रकार की लापरवाही को कर्तव्यहीनता की बात बताते हुए कारवाई की अनुशंसा की गई है। सूत्र बताते है अगले कुछ दिनों में दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ विभाग कारवाई कर सकती है। जांच रिपोर्ट में कोड के सूचक और अनुसंधानक दोनों से लिये गए लिखित बयान का भी जिक्र किया गया है। बताते चलें कि नमक के पैकेट में रखी गई 51 लाख की शराब जप्त, तो लाखों का नमक जप्त क्यों नही, शीर्षक खबर को दर्पण 24 न्यूज़ प्रमुखता से चलाया था। खबर पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने जांच का जिम्मा उपायुक्त मद्य निषेध दीनबंधु को दी थी। सूत्र बताते है की दोषी अधिकारियों पर अगले कुछ दिनों में बड़ी कारवाई होना सुनिश्चित है। ज्ञात हो कि 15 जुलाई की रात्रि फेकला थाना क्षेत्र के धोई से छपरार जाने वाली सड़क में छपरार गांव के पास मद्य निषेध की टीम बोरी में छिपाकर लाई गई अंग्रेजी शराब जप्त की थी। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी मे नमक की भी शामिल था! अवैध विदेशी शराब के साथ ट्रक, कार और पिक-अप को भी जप्त किया गया था। जिसमें सैकड़ों नमक के प्लास्टिक की बोरी में छिपाकर शराब लाई गई थी उस नमक का जप्ती सूची में कही जिक्र नहीं था। नमक ताजा और बिल्कुल उपयोग योग्य बताया जा रहा था। दर्ज प्राथमिकी में नमक को खराब बताते हुए उसकी मात्रा को छिपाई गई थी। कांड की जप्ती सूची में भी सैकड़ों पैकेट का जिक्र नहीं किया गया था। प्रशन उठा था की 51 लाख की शराब जब्त हुआ तो लाखों का नमक जप्त क्यों नही हुआ?

 

नमक और वाहनों को जब मद्य निषेध कार्यालय लाया गया तो ट्रक पर रखी नमक की बोरी को विभाग के कर्मी समेत आसपास के दुकानदार लूटने लगे थे। जिन्हें जितना मर्जी हो रहा था टेम्पू, दुकान और अन्य वाहनों में छिपा कर ले जा रहे थे। जप्त शराब को सिर पर या कंधों पर लादकर ट्रक से उतारकर सीधे विभाग के गोदाम में रखा गया मगर नमक को कई दिनों तक ट्रक में ही छोड़ दिया गया। जिसके कारण कर्मी, मजदूर एवं स्थानीय लोग अपने अपने गाड़ी, दुकान और घर ले जाने लगे थे। मौके पर कई नमक की पैकेट को मद्य निषेध लिखी हुई विभागीय वाहनों पर भी रखा जा रहा था। विभाग की लापरवाही तब सामने आई थी जब शराब को ट्रक से मजदूरों के द्वारा सीधे उतारकर गोदाम में रखा गया लेकिन नमक को कथित तौर पर उतारने के लिए एक पिकअप वाहन मंगवाया गया। जिस निजी पिकअप पर नमक लादा जा रहा था वह गाडी और ड्राइवर दोनों बाहरी थे। किसके आदेश से लोग नमक लूट रहे थे या फिर पिकअप को परिसर में लाकर नमक लोडिंग किया जा रहा था।

 

कोई कुछ बताने को तैयार नहीं थे। इस संबंध में घटना के दिन अधिकारी और कर्मी एक दूसरे पर फेंक रहे थे। उत्पाद विभाग में नमक के इस खेल को दर्पण 24 न्यूज़ ने प्रमुखता से चलाया था। जिसे विभाग ने संज्ञान लेते हुए जांच कराई। जांच में खबर पर मुहर लगी है। अब कारवाई का सभी को इंतजार है। सूत्र बताते है छापेमारी टीम में शामिल सभी अधिकारियों, कर्मियों, कांड के सूबक और अनुसंधानक से लिखित बयान मांगा गया था। इस संबंध में उपायुक्त मद्य निषेध दीनबंधु ने कहा कि जांच में कांड के इंफॉर्मेट और आईओ दोनों ही अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। एफआईआर और जप्ती सूची में नमक की मात्रा को नहीं दर्शाया गया है जो गंभीर है। एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरती गई है। जिस नमक को खराब बताया गया है उसे जांच में सही पाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्देश पर राष्ट्रीय सहारा में छपी खबर पर जांच की गई। जांच रिपोर्ट विभाग को सौप दी गई है। सभी अधिकारी एवं कर्मियों से लिखित बयान मांगा गया था। वही स्थलीय जांच भी किया गया था। जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौपी गई है। इसी मामले को मे रिपोर्ट के आधार पर दो अधिकारी को तत्कालीन निलंबित कर दिया गया है वहीं अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है ऐसा सूत्र बता रहे हैं!

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