दरभंगा : कर्मचारियों के लिए दूसरे सत्र का संस्कृत सम्भाषण शिविर शुरू

 

प्रतिदिन 3-5 बजे तक चलेगा दस दिवसीय प्रशिक्षण, 

इससे पूर्व भी संस्कृत सीख चुके हैं मुख्यालय के कर्मचारी, 

 

दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) : विश्वविद्यालय कैम्पस समेत आसपास के क्षेत्रों में संस्कृत का वातावरण तैयार करने का प्रयास लगातार जारी है। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने जब से कार्यभार संभाला है इस ओर कई सकारात्मक निर्णय लिए गए हैं। उन्हीं की संकल्पना है कि कर्मचारी भी आपस मे संस्कृत में ही बोलचाल करे।

हाल ही में संस्कृत भारती के साथ मिलकर विश्वविद्यालय परिसर में करीब 12 दिनों का आवासीय संस्कृत प्रशिक्षण वर्ग समेत कर्मियों के लिए सम्भाषण शिविर का आयोजन सम्पन्न हुआ है। इसी कड़ी में कर्मियों के लिए सम्भाषण शिविर का दूसरा सत्र दरबार हॉल में मंगलवार से शुरू हुआ है जो दस दिनों तक चलेगा।

यह शिविर प्रतिदिन अपराह्न 03 बजे से 5 बजे तक दरबार हॉल में विश्वविद्यालय के कार्य दिवसो में संचालित होगा। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि इस बार प्रशिक्षण प्रभारी स्नातकोत्तर धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो० दिलीप कुमार झा एवम स्ना० ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा बनाये गए हैं। सम्पूर्ण शिविर का पर्यवेक्षण प्रतिकुलपति प्रो0 सिद्धार्थ शंकर सिंह करेंगे। शिविर की व्यवस्था पूर्ववत् डॉ रविन्द्र कुमार मिश्र एवं कुन्दन कुमार भारद्वाज के हाथों रहेगी।

बता दें कि जो कर्मचारी 7-16 जून तक चले पिछले शिविर में पर्याप्त अभ्यास नहीं कर सके थे वे भी इसमें बैठ कर संस्कृत का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अलावा, सभी पदाधिकारी भी इसमें सम्मिलित होकर संस्कृत सम्भाषण का लाभ ले सकेंगे।

महाविद्यालय भी आयोजित करेगा दो दो सम्भाषण शिविर

पीआरओ ने बताया कि मुख्यालय के अलावा अब सभी कोटि के महाविद्यालयों को भी दो दो सम्भाषण शिविर का आयोजन करना होगा। इस सम्बंध में कुलपति प्रो0 पांडेय की अध्यक्षता में
28 मई 2024 दिवसीय आईक्यूएसी की बैठक में ही निर्णय लिया जा चुका है।

निर्णय के मुताबिक सभी महाविद्यालयों में सत्रारम्भ के मौके पर जुलाई में 10 दिनों का दो संस्कृत सम्भाषण शिविर का आयोजन किया जाना है। एक शिविर नव नामांकित छात्रों के लिए तथा दूसरा शिविर पूर्व के छात्र एवं स्थानीय समाज के लोगों को जोड़कर होगा। इसी क्रम में सीसीडीसी डॉ दिनेश झा ने सभी प्रधानाचार्यों को इस आशय का पत्र भी लिखा है और सभी से शिविर लगाकर प्रमाण सहित सूचना भी मुख्यालय को प्रेषित करने का अनुरोध किया है। पत्र में यह भी गुजारिश की गई है कि
पूरे जुलाई माह में महाविद्यालय एवं आसपास समाज में संस्कृत व्यवहार एवं संस्कृत प्रचार के लिए वातावरण बनाने का सक्रिय प्रयास होना चाहिए।

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