संस्कृतज्ञों पर बड़ी जिम्मेदारी : कुलपति

 

समाजोपयोगी हो शोध प्रबंध : प्रो0 पांडेय, 

2021 वर्षीय प्री-पीएचडी कोर्स वर्क का हुआ समापन
तीन तीन कुलपतियों ने किया सम्बोधित, 

 

दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय भवन में कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय की अध्यक्षता में बुधवार को 2021 वर्षीय षाण्मासिक प्राक्शोध पाठ्यक्रम का समापन समारोह आयोजित किया गया। डाॅ वाई. एस.शास्त्री के संयोजकत्व में पिछले छः माह से यह कोर्स वर्क संचालित किया जा रहा था।

मौके पर कुलपति प्रो0 पांडेय ने कहा कि शोधार्थियों को आगे चलकर संस्कृत सम्भाषण का प्रचार- प्रसार करना चाहिए। उन्हें अपनी संस्कृति के उन्नयन का भी ख्याल रखना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कृत के मर्मज्ञों पर बड़ा उत्तरदायित्व है।

वहीं विशिष्ट अतिथि जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट (उ.प्र.) के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने कहा कि आप सभी समजोपयोगी शोधप्रबन्ध लिखेें। शोधार्थियों से उम्मीद की जाती है कि वे उन विषयों पर शोध करें जिससे आमजन भी लाभान्वित हो। जनसरोकार से जुड़े विषय सर्वोत्तम होगा। इसी तरह सारस्वत अतिथि निवर्तमान कुलपति प्रो0 शशिनाथ झा ने कहा कि शोधार्थी को पढाकू होना चाहिए। उन्हें अपनी शोध में नए नए विचारों व नई खोजों को भी जगह देनी चाहिए ताकि आगे भी उसे सन्दर्भित किया जा सके।

उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि 2021 वर्षीय प्री पीएचडी कोर्स वर्क की कक्षाएं दिनांक 8.10.2023 से ऑफ लाइन माध्यम से आरंभ हुई थी। इसमें सभी शोधार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य थी। ये कक्षाएं प्रति रविवार को प्रातः 11:00 से 1:00 तक तथा 2:00 से 4:00 बजे तक आयोजित की गयीं। विश्वविद्यालय के नियमानुसार पीएचडी कोर्स वर्क में आठ क्रेडिट का अध्यापन कार्य करना अनिवार्य था जिसे 80 कक्षाओं का आयोजन कर पूर्ण किया गया । पीएचडी कोर्स वर्क में सभी विभागों के कुल 80 शोधार्थी नामांकित थे जिसमें व्याकरण के 11, ज्योतिष के 12, साहित्य के 38, आयुर्वेद के 12, वेद के 06 तथा धर्मशास्त्र के एक शामिल हैं।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. वाई. एस. शास्त्री ने कोर्स वर्क के आरंभ से अंत तक बड़े ही तन्मयता के साथ कार्य को ससमय समाप्त किया। व्याकरण विभागीय अध्यापिका डॉ. सविता आर्या तथा डॉ.साधना शर्मा ने इस कार्य मे इनका सहयोग किया। मौके पर सभी विभागों के एक- एक शोधार्थी ने अपना अपना अनुभव भी साझा किया।

वहीं, नेपाल से पहुंचे गोविंद प्रसाद दहालादि ने का. सिं. द. सं. वि. के पूर्व कुलपति तथा वर्तमान कुलपति को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मंगलाचरण डॉ साधना शर्मा ने प्रस्तुत किया जबकि स्वागत भाषण डॉ एल सविता आर्या ने दिया।

वहीं,प्रो0 दिलीप कुमार झा ने आगत अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।समापन कार्यक्रम में सभी स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष प्रो. दयानाथ झा, प्रो. सुरेश्वर झा, डॉ.विनय कुमार मिश्र, डा. कुणाल कुमार झा, डॉ रितेश कुमार, डॉ शंभू शरण तिवारी, प्रो रेणुका सिंहा , डॉ वरुण कुमार झा, डॉ राजेश कुमार सिंह के साथ तमाम अध्यापक, शोधार्थिवृन्द उपस्थित हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *