दरभंगा : राजनीतिक विज्ञापनों पर कड़ी नजर : एम.सी.एम.सी. कोषांग

 

दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) : लोकसभा आम निर्वाचन, 2024 को लेकर जिला स्तर पर गठित एम.सी.एम.सी कोषांग समाहरणालय अवस्थित सूचना भवन में तत्परता से क्रियाशील है।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी, दरभंगा श्री राजीव रौशन के आदेश के आलोक में जिला सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय में भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह कोषांग सक्रिय है।

कोषांग में कुल – 04 टी.वी. लगे है, जिसमें एक केबल टी.वी. है, जिस पर आ रहे कार्यक्रमों व विज्ञापनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रत्येक घंटे पर रिपोर्टिंग की जा रही है।

मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के दिशा-निर्देशों के अनुरूप टी.वी. पर चल रहे कार्यक्रमों व विज्ञापनों में पेड व भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के विपरीत तथ्यों की गहनता से तलाश की जा रही है।

उप निदेशक, जन-सम्पर्क-सह-प्रभारी जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी-सह-सदस्य सचिव, एम.सी.एम.सी. कोषांग श्री सत्येन्द्र प्रसाद ने बताया कि किसी भी केबल ऑपरेटरों को ऐसे किसी भी विज्ञापन को प्रसारित करने से प्रतिबंधित किया गया है, जो निर्धारित प्रोग्राम कोड और विज्ञापन कोड के अनुरूप नहीं है। ऐसे किसी भी विज्ञापन की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो नस्ल, जाति, रंग आदि का उपहास करता हो और भारत के संविधान के प्रावधानों के विरूद्ध हो।
उन्होंने आगे कहा कि यह जानना जरूरी है कि राजनीतिक दल/अभ्यर्थी/संगठन/व्यक्ति मतदान के दिवस और मतदान से एक दिन पूर्व, प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेंगे, जबतक कि विज्ञापन में निहित विषयवस्तु राज्य/जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. समिति द्वारा पूर्ण प्रमाणित न हो।

उन्होंने कहा कि जिले में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एम.सी.एम.सी. गठित है, जो पेड न्यूज के मामलों में निगरानी एवं कार्रवाई करने, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान मीडिया उल्लंघन मामलों की निगरानी के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (सोशल मीडिया सहित) में राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण करती है।

इसके अलावा एम.सी.एम.सी. संबंधित संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले किसी व्यक्ति या अभ्यर्थी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी किये जाने वाले प्रस्तावित राजनीतिक विज्ञापन के प्रमाणीकरण के लिए आवेदन पर विचार करती है।

उन्होंने बताया कि यह आवश्यक है कि किसी भी निर्वाचन पम्पलेट, पोस्टर, हैंडबिंल एवं अन्य दस्तावेजों पर प्रकाशक और मुद्रक के नाम व पते अनिवार्य रूप से अंकित हो, ऐसा करने में विफल रहने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 (क) के तहत दो साल तक की कैद या 02 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

वहीं निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी के प्राधिकार के बिना विज्ञापन प्रतिबंधित है, इसके उल्लंघन होने 1PC 1860 की धारा 171(H) के तहत 500 रूपये तकके जुर्माना का प्रावधान है।

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