– स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल हृदय योजना के तहत कराया गया निःशुल्क ऑपरेशन
– योजना के तहत बच्चों के नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान
– बाल हृदय योजना से मिल रहा लोगों को लाभ
पूर्णिया (ब्रजभूषण कुमार) : विभिन्न गंभीर बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। उन्हीं योजनाओं में से एक है राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल तक के बच्चों की नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान है। योजना के तहत बच्चों में होने वाले कुल 38 तरह के रोगों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। योजना के माध्यम से हृदय में जन्मजात छेद सहित अन्य हृदय संबंधी रोगों का इलाज बेहद आसान हो चुका है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना के द्वारा पूर्णिया जिले के हृदय में छेद से ग्रसित तीन बच्चों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क इलाज कराया गया है। इसमें बनमनखी प्रखंड के मनीष कुमार के 02 वर्ष 06 माह के पुत्र कार्तिक वर्मा, बनमनखी प्रखंड के ही संतोष कुमार के 03 वर्षीय पुत्र आनंद कुमार और के.नगर प्रखंड के गोपाल शर्मा के 05 वर्षीय पुत्री राज नंदनी शामिल हैं। इनसभी बच्चों का जन्म से ही हृदय में छेद था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनकी पहचान करते हुए इन्हें 06 मार्च को एम्बुलेंस से पटना हवाई अड्डा भेजा गया था जहां से उन्हें हवाई जहाज द्वारा ऑपरेशन के लिए सत्य श्री साईं हृदय संस्थान, अहमदाबाद भेजा गया था। वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन के बाद कुछ दिन तक बच्चों को निगरानी में रखा गया। सबकुछ ठीक रहने पर सभी बच्चों को ट्रेन द्वारा दानापुर रेलवे स्टेशन पटना वापस भेजा गया। वहां से सभी बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम्बुलेंस के माध्यम से उनके घर तक पहुँचाया गया। इस दौरान बच्चों के साथ उनके परिजन उपस्थित रहे और उन्हें इलाज और आने जाने में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं हुआ। घर पहुँचने के बाद भी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधिकारियों द्वारा नियमित तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है और अभी सभी बच्चे स्वस्थ हैं।
योजना के तहत बच्चों के नि:शुल्क जांच व इलाज का प्रावधान :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसे लेकर आरबीएसके की टीम द्वारा बीमार बच्चों को पहले चिह्नित किया जाता है। चिह्नित बच्चों की सूची वरीय संस्थान को भेजा जाता है। वहां काउंसिलिंग के बाद बीमार बच्चों को जरूरी इलाज के लिये बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है। इलाज पर आने वाले सारे खर्च के साथ आने-जाने में होने वाला परिवहन खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है। यहां तक की जरूरी जांच व अन्य किसी कारणों से दोबारा बुलाये जाने पर आने वाला खर्च भी सरकार देती है।
बाल हृदय योजना से मिल रहा लोगों को लाभ :
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ ओ पी साहा ने बताया कि बाल हृदय योजना से गरीब परिवारो के साथ-साथ जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को नई जिंदगी मिल रही है। क्योंकि बच्चों के हृदय का ऑपरेशन करने के लिए 5 से 6 लाख की आवश्यकता होती है। ऑपरेशन के लिए यह पैसा सरकार द्वारा दिए जाने के बाद गरीबों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। इसके लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केंदो के साथ साथ सरकारी विद्यालयों में स्क्रीनिंग कर हृदय में छेद वाले बच्चों की पहचान कर आगे की स्क्रीनिंग के लिए पटना आईजीआईसी में भेजा जाता है जहां एक्सपर्ट की टीम द्वारा जांच की जाती है। जांच के दौरान ऑपरेशन के जरूरत वाले बच्चों को रेफर कर दिया जाता है। ऑपरेशन वाले बच्चों को एक अभिभावक के साथ हवाई जहाज के माध्यम से अहमदाबाद भेजा जाता है जहां उनका निशुल्क ऑपरेशन होता है। ऑपरेशन के बाद सभी बच्चों को उनके घर तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा वापस पहुँचाया जाता है। इसमें बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलने के साथ साथ परिजनों को किसी तरह का आर्थिक खर्च नहीं होता है और बच्चे स्वास्थ हो जाते हैं।