अमेरिका-इजराइल का सैन्य समर्थन नहीं, हो शांति के लिए पहल
दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) : फिलिस्तीन पर करीब एक महीने से जारी अमेरिकी-इजराइली हमले व फिलिस्तीनियों के जनसंहार के खिलाफ वामदलों के देशव्यापी आह्वान पर 10 नवम्बर 2023 को भाकपा-माले, भाकपा व माकपा के द्वारा रोटरी क्लब लहेरियासराय से टावर तक मार्च निकाला गया। और टावर पर सभा का आयोजन किया गया। झंडे-बैनर व मांग पट्टिकाओं से लैश प्रदर्शनकारियों ने मौके पर ‘फिलिस्तीनियों का जनसंहार बन्द करो’, ‘इजराइल-अमेरिका का सैन्य समर्थन नहीं, शांति के लिए पहल करो’, ‘मोदी सरकार अमेरिका-इजराइल परस्ती छोड़ो’ आदि मांगों-नारों को बुलंद किया।
मार्च का नेतृत्व सीपीएम राज्य सचिव ललन चौधरी, भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, सीपीआई जिला सचिव नारायण जी झा, सीपीएम जिला सचिव मंडल सदस्य दिलीप भगत, भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य नेयाज अहमद, अभिषेक कुमार, किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी, विश्वनाथ मिश्रा, सीपीएम के दिनेश झा, रामसागर पासवान,कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए मौके पर वामदलों के नेतृत्वकारियों ने कहा कि फिलिस्तीन पर लगातार जारी इजराइली-अमेरिकी हमले को एक महीने से अधिक हो गए। अब तक 10 हजार से अधिक निर्दोष जानें जा चुकी हैं जिनमें लगभग 6 हजार बच्चे व महिलाएं शामिल हैं। रिहायशी इलाकों, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, मस्जिदों , राहत कैंप व एम्बुलेंसों पर बमबारी जारी है। बिजली-पानी, रसद व जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति काट दी गई है। अमरीका के प्रत्यक्ष सैनिक–कूटनीतिक समर्थन समेत अन्य साम्राज्यवादी देशों की मदद से ‘आत्मरक्षा’ के नाम पर किया जा रहा यह एक खुला जनसंहार है। एक समूचे देश के वजूद को मिटा देने की कोशिश है। युद्ध व मानवाधिकार से जुड़े तमाम अंतरराष्ट्रीय नियम व मान्यताएं स्थगित कर दी गई हैं। ‘घेर कर मारेंगे और रोने भी नहीं देंगे’ की तर्ज पर अमरीका के नेतृत्व में खुली दादागिरी चल रही है। कुल मिलाकर जुल्म और अन्याय के एक भयानक दौर के हम गवाह हैं।
दुनिया भर में लाखों लोग सड़कों पर आकर न सिर्फ़ इसका विरोध करते हुए तत्काल शांति की मांग कर रहे हैं बल्कि अपनी सरकारों पर फिलिस्तीनी आवाम के पक्ष में खड़े होने का दबाव बना रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में अमेरिका और यूरोप के लाखों लोगों के साथ ‘हमारे नाम पर नहीं’ के नारे के साथ यहूदी समुदाय के लोग भी सड़कों पर हैं।
भारत फिलिस्तीनी आवाम के मुक्ति आंदोलन का पुराना समर्थक रहा है। पर देश की मौजूदा मोदी सरकार न्याय और शांति के हमारे इस परंपरागत रुख को पलटकर बेगुनाहों के नरसंहार और खुले अन्याय के समर्थन में खड़े होते हुए अमेरिका-इजराइल परस्त विदेश नीति पर चल रही है। हम मोदी सरकार की अमेरिका-इजराइल परस्ती की तीखी निंदा करते है और फिलिस्तीनी जनता की तकलीफों और संघर्ष के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करते हुए अमेरिका-इजराइल का सैन्य समर्थन नहीं, शांति के लिए पहल करने की मांग करते है।
सीपीआई के विश्वनाथ मिश्र, सीपीएम के दिलीप भगत एवं भाकपा-माले के देवेंद्र कुमार के अध्यक्ष मंडली में कार्यक्रम संपन्न हुई।