10 हजार में दम नहीं,  25 हजार से कम नहीं ; विभिन्न मांगों को लेकर सेविका सहायिका गई अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

10 हजार में दम नहीं,  25 हजार से कम नहीं ; विभिन्न मांगों को लेकर सेविका सहायिका गई अनिश्चितकालीन हड़ताल पर -Darpan24 News

 

बेतिया, पश्चिमी चंपारण (ब्रजभूषण कुमार) :  10000 में दम नहीं 25000 से कम नहीं,  साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए। उक्त बातें सुषमा पांडे, उपाध्यक्ष ने आईसीडीएस सदर कार्यालय के सामने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कही । आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए कर्मश: ग्रेड सी, ग्रेड डी में संमायोजित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक सेविकाओं को 25000 एवं सहायिकाओं 18000 प्रतिमाह वेतन दिया जाए।

वही रीना सिंन्हा अध्यक्ष ने कहा कि योग्य सहायिका एवं सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाए एवं सेविका से प्रवेक्षिका तथा सेविका /सहायिका रिक्त सेविकाओं सहायिकाओं के रिक्त पदों पर अभिलंब बहाली सुनिश्चित की जाए, 16 मई 17 से 20 जुलाई 22 तक के समझौते के आलोक में लंबित मांगों को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हड़ताल एवं धरना संगठन के बिहार पटना निर्देश के आलोक में किया जा रहे हैं आगे उन्होंने ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को मानदेय को दुगना करने का वादा किया गया था ,साथ ही अधिकांश चुनावी सभा में भी इस आशय का आश्वासन दिया गया था ।

मानदेय दुगना करने के बात तो छोड़ दिया जाए अभी तक प्रतिनिधिमंडल से मिलने तक का कष्ट नहीं किया गया वर्तमान वर्ष में जनवरी माह से मार्च माह के बीच लगातार 3 महीने तक संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में आओ चरण वध आंदोलन के दरमियान निदेशक आईसीडीएस के प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा दिए गए शासन पर भरोसा करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चरणबद्ध आंदोलन के अंतिम चरण राज्यव्यापी आंदोलन विद्या प्रदर्शन स्थगित किया गया था, लेकिन 3 महीने के बाद 26 जुलाई 2023 को जब संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल निदेशक से मिल कर बिहार सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग की गई तो, मानदेय राशि बढ़ाया जाना तो दूर अन्य आठ मांगों पर सहमति बनी थी कि घिसी पीटी बात कह कर टाल दिया गया, ऐसी स्थिति में संयुक्त संघ समिति विवस होकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया।

मौके पर शाहिना परवीन, खुशबू कुमारी, हेमलता देवी, शोभा देवी, यास्मीन आरसी ,सुनीता वर्मा, मधुबाला देवी, मीना देवी ,नाहिद परवीन ,लक्ष्मी देवी, एकता कुमारी, शशिवाला देवी, रीता देवी, रागिनी कुमारी, कृष्णावती देवी ,हाजरा खातून ,जोहरा खातून ,सुमन कुमारी ,कांति देवी, मीना देवी ,राजमती देवी ,संतरा खातून ,सीता देवी ,संध्या देवी, नूरिन खातून, कमलेश कुमारी,रीमा कुमारी मोनी कुमारी ,आदि मौजूद रहे।

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