संयुक्त किसान मोर्चा ने दरभंगा जिला पदाधिकारी के समक्ष किया विशाल प्रदर्शन ,समाहरणालय के गेट पर जमकर किया नारेबाजी ,राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

 

दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) अगस्त क्रांति दिवस के ऐतिहासिक दिवस के अवसर पर कॉर्पोरेट लुटेरों, भारत छोड़ो, खेती छोड़ो” किसानों के एमएसपी, कर्ज मुक्ति, खाद्य सुरक्षा, व दरभंगा सहित बिहार को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करो नारों के साथ हजारों की नेतृत्व में समाहरणालय पर विशाल प्रदर्शन आयोजित किया गया। अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष महेश दुबे, जिला सचिव रामसागर पासवान, अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव धर्मेश यादव, शिवन यादव, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के शंभू प्रसाद सिंह चुन्नू सिंह, वशिष्ठ यादव आदि के नेतृत्व में दरभंगा पोलो मैदान से भीषण बारिश को झेलते हुए हजारों की संख्या में जुलूस निकला जो कमिश्नरी, समाहरणालय, लहेरियासराय टॉवर, लोहिया चौक होते हुए पुन: समाहरणालय के मुख्य गेट को जामकर जमकर नारेबाजी किया।

समाहरणालय के सामने आयोजित सभा की अध्यक्षता दरभंगा जिला किसान कौंसिल के जिला अध्यक्ष महेश दुबे , किसान महासभा के शिवन यादव, चुन्नू सिंह, ने संयुक्त रूप से किया बिहार राज्य किसान काउंसिल प्रदेश वरिष्ठउपाध्यक्ष ललन चौधरी ने कहा की आज बहुत ही बड़ा ऐतिहासिक दिन है आज ही के दिन ब्रिटिश भारत छोड़ो नारा दिया गया था और आज के दिन हम क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं राज्य समेत पूरे देश में हजारों हजार किसान मजदूर केंद्र सरकार के किसान मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ सड़क पर उतर कर विरोध जता रही है

नरेंद्र मोदी सरकार

हमारे राष्ट्रीय संसाधनों जैसे जंगल, नदी और अन्य जल संसाधन और कृषि भूमि पर कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए एकाधिकारवादी पूंजीपतियों

के साथ साजिश रच रही है, जिससे किसानों का एक बड़ा वर्ग, जो भारत की आबादी का लगभग 52% हैं, बर्बाद और तबाह हो रहा है। उन्हें अपने जीवन और आजीविका से उखाड़ फेंका और विस्थापित किया जा रहा है और उन्हें प्रवासी श्रमिक बनने, और गुलामों जैसी परिस्थितियों में रहने और काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है

केंद्र सरकार के नवउदारवादी नीतियों और असंवेदनशील प्रशासन के कारण भारत में लाखों किसान परिवार गंभीर रूप से कंगाली और बदहाली के शिकार हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार धड़ल्ले से सार्वजनिक संपत्तियों को बेच रही है महागाई बेकारी बढ़ रही है यह सरकार पूरे देश में नफरत फैलाकर आपसी भाईचारा को समाप्त कर रही है दरभंगा जिले में भी शरारती तत्वों द्वारा दंगा कराने की कोशिश की गई मगर दरभंगा वासियों ने बहुत ही सूझबूझ से उनके मंसूबों पर पानी फेर दियाउन्होंने कहा कि पूरे राज्य में सुखाड की स्थिति उत्पन्न हो गई है सुखाड के चलते जलस्तर नीचे चला गया है जिसके चलते चापाकल भी पानी देना बंद कर दिया है पूरे राज्य में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है अभिलंब बिहार को सुखार क्षेत्र घोषित कर बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू होना चाहिए

बिहार राज्य किसान काउंसिल के संयुक्त प्रदेश सचिव श्याम भारती ने कहा कि एमएसपी का गारंटी देने वाला कानून नहीं बनने के चलते किसानों के फसलों का उचित कीमत नहीं मिलता है

दूसरी और डब्ल्यूटीओ और आसियान जैसी बहुपक्षीय व्यवस्थाओं के तहत मुक्त व्यापार समझौतों ने घरेलू बाजार में किसानों को मिलने वाली आवश्यक सुरक्षा को नष्ट कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप नकदी फसल की कीमतों में लंबी गिरावट आई है। बीज, उर्वरक, कीटनाशक, बिजली, सिंचाई और पानी की आपूर्ति सहित सभी इनपुट सब्सिडी को खत्म किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन की लागत में भारी वृद्धि हुई और लागत के हिसाब से फसल की कीमत निर्धारित नहीं हो रही है

2020-21 में राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में साल भर चले ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को तीन कॉर्पोरेट समर्थक कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था मगर प्रधानमंत्री किसान आंदोलन में किए गए समझौते पर अमल करने से भाग रही है पूरा मणिपुर जल रहा है मणिपुर की घटनाओं ने पूरे देश को झक छोड़ दिया है मणिपुर के मुख्यमंत्री को अभिलंब इस्तीफा दे देना चाहिए

किसान महासभा के जिला अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा की केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को एसकेएम के साथ एक लिखित समझौता किया था, जिसमें सभी फसलों और उसकी खरीद के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सी2+50% की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य, ऋण मुक्ति, बिजली निजीकरण विधेयक को वापस लेने समेत किसानों और खेतिहर मजदूरों की कई न्यायसंगत और लंबित मांगों के समाधान का वादा किया गया था।मोदी सरकार उन समझौतों से भाग रही हैं। किसान आंदोलन के तेवर को और जुझारू बनाना होगा और 2024 में मोदी को देश गद्दी से उखाड़ फेंकने के लिए किसानों को संकल्पित होना होगा।

किसान खेत मजदूर सभा के शंभू प्रसाद सिंह “चुन्नू सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों और आम लोगों के दुखों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है, उन्होंने सभी मध्यम, लघु और सीमांत पुरुष और महिला किसानों और कृषक को 10,000 किसान पेंशन योजना लागू करने भूमि को रोजगार से जोड़ने चकबंदी योजना लागू करने मनरेगा योजना से मजदूरों को 200 दिन का देने की मांग किया। सभा को किसान सभा के शिवनंदन यादव, दिलीप भगत, गोपाल ठाकुर, ललन यादव, रामप्रीत राम, किसान महासभा के सूर्यनारायण शर्मा, विश्वनाथ पासवान, त्रिवेणी यादव, संतोष यादव, कोमलाकान्त यादव, प्रवीण यादव, विनोद सिंह, मो जमालुद्दीन, देवेंद्र बीकुमार,किसान खेत मजदूर सभा वशिष्ठ यादव, राम पुनीत मांझी, विश्वनाथ दास, आदि ने सभा को संबोधित किया

प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधिमंडल जिसमें श्याम भारती, धर्मेश यादव, विश्वनाथ दास, शिवनंदन यादव, शिवन यादव, रामसागर पासवान ने डीएम से मिलकर माननीय राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। स्मार पत्र में एमएसपी के गारंटी देने वाले कानून बनाने माइक्रो फाइनेंस और निजी कर्ज समेत सभी प्रकार के कर्जे माफ करने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने, खाद्य सुरक्षा की गारंटी करने, बिजली संशोधन विधेयक 2022 वापस लेने 300 यूनिट मुफ्त बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में देने पंपों के लिए मुफ्त बिजली देने लखीमपुर खीरी में पत्रकार और किसानों के नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टोनी को बर्खास्त करने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने लखीमपुर खीरी में जेल में बंद किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेने ऐतिहासिक किसान आंदोलन एवं कोविड-19 के दौरान किसानों पर किए गए फर्जी मुकदमा वापस लेने कॉरपोरेट समर्थक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वापस लेने सभी फसलों के लिए एक व्यापक फसल बीमा योजना लागू करने भूमिहीनों को जमीन देने बसे हुए जमीन का मालिकाना हक देने जंगली जानवरों से फसलों को सुरक्षा करने मनरेगा से 200दिन कम और कम से कम ₹600 मजदूरी देने समेत 21 सूत्री मांग शामिल थे।

अभिषेक कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *