दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट):_जैनदर्शन एवं प्राकृत भाषा के युवा विद्वान डॉ वीरचंद्र जैन, सहायक प्राचार्य, महारानी महेश्वर लता संस्कृत विद्यापीठ लोहना, मधुबनी (कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा, बिहार) को उनकी प्राकृत भाषा साहित्य के प्रति अगाढ़ रुचि एवं प्राकृत साहित्य रचनाओं को देखते हुए प्राच्य विद्या एवं जैन संस्कृति संरक्षण संस्थान लाडनूं के द्वारा “*प्राकृत शिरोमणि आचार्य श्री सुनील सागर प्राकृत भाषा एवं साहित्य मनीषी पुरस्कार 2023* से सम्मानित कर संस्थान सबहुमान, ससम्मान, अभिनंदन करके गौरवान्वित है ।
यह पुरस्कार श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा, दिल्ली में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है” के अवसर पर प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम के अवसर पर प्राच्य विद्या एवं जैन संरक्षण संस्थान के अध्यक्ष प्रो. जिनेंद्र कुमार जैन, BLI के निर्देशक प्रो. विजय कुमार जैन लखनऊ, प्रो. वीर सागर जैन, प्रो. कल्पना जैन, प्रो. अनेकांत कुमार जैन, डाॅ राका जैन तथा श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ निर्मल कुमार जैन, डॉ. नीरजा जैन उपस्थित थे। इस पुरस्कार कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े प्रोफेसर लोकेश जैन, अहमदाबाद, डॉ मनीष जैन, लाडनूँ, डॉ नीतू जैन, जयपुर एवं श्री शरद कुमार जैन, लाडनूँ आदि उपस्थित रहे।