विश्व मात्स्यिकी दिवस कार्यक्रम का आयोजन ; मत्स्य पालन में जिला बना आत्मनिर्भर- गणेशाराम

 

 

बेतिया, पश्चिमी चंपारण (बृजभूषण कुमार) :  विश्व मात्स्यिकी दिवस प्रत्येक वर्ष 21 नवंबर को मनाया जाता है। पहली बार 21 नवंबर 2017 को संपूर्ण विश्व में विश्व मातित्स्की दिवस मनाया गया था। विदित हो की 21 नवंबर 1997 को 18 देश के मत्स्य कृषकों मत्स्य कर्मकारो के विश्व मंच का प्रतिनिधित्व करने वाला कार्यरत मछुआरों और मछुआरिनो की बैठक नई दिल्ली में हुई थी। इस अवसर पर धारणीय मत्स्य आखोट के प्रयोग और नीतिया की एक वैश्विक जनादेश का वकालत करते हुए विश्व मात्स्यिकी मंच की स्थापना हुई इसकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष 21 नवंबर को यह दिवस मनाया जाता है ।

उक्त बातें गणेशा राम, जिला मत्स्य पदाधिकारी ने विश्व मात्स्यकी दिवस पर कार्यालय स्थित आयोजित कार्यक्रम मे उपस्थित मत्स्य कृषको को संबोधित करते हुए कहीं। आगे उन्होंने कहा कि विश्व मात्स्यिकी दिवस संपूर्ण विश्व में सभी मछुआरों, मछली पालक और संबंधित हित धारकों के साथ एक जुटता को प्रदर्शित करने के लिए यह मत्स्य पालन के स्थाई भंडार को सुनिश्चित करने पर प्रकाश डालने के लिए मनाया जाता है।

आगे उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में पांचवी विश्व माति्स्यकी दिवस मनाया जा रहा है विश्व माति्स्यकी दिवस पर पूरे देश के अग्रणी, उत्कृष्ट एवं प्रगतिशील मत्स्य व्यवसाय से जुड़े कृषकों को राज्य ,जिला , प्रखंड स्तर पर पुरस्कृत एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है जिससे अन्य राज्य, जिले एवं प्रखंड के मत्स्य पालक उत्पादन बढ़ाने पर अधिक बोलने आगे उन्होंने कहा कि विश्व म मातिस्यकी दिवस मानव एवं जल जीवों के जीवन में जल की महता पर प्रकाश डालता है यह आयोजन हमें याद दिलाने का काम करता है कि हमें माति्स्यकी का प्रबंध चिरस्थाई भंडारण एवं स्वच्छ परिस्थिति तंत्र सुनिश्चित करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे उभरती हुई तकनीक के द्वारा मछुआरों एवं मत्स्य किसानों को स्वरोजगार सृजन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादन में अभिवृद्धि हो ।

आगे उन्होंने कहा कि पश्चिमी चंपारण जिले में सरकारी तालाब 2500 हैक्टेयर, निजी तालाब 1160 हैक्टेयर, मन /चौर 500 हेक्टेयर एवं 500 किलोमीटर में मछली का 37000 मैट्रिक टन उत्पादन किया जा रहा है जबकि जिले में मांग 41000 मैट्रिक टन है 7000 मैट्रिक टन मछलियां अन्य राज्यों से आयात की जा रही है कि प्रति माह 583 टन तथा प्रतिदिन 2 टन है।
जिले में 4.25 हजार मैट्रिक टन मत्स्य आहर पटना, मुजफ्फरपुर तथा कोलकाता, छत्तीसगढ़ ,आंध्र प्रदेश से मंगाई जा रही है जिसका अनुमानित खर्च 30 करोड़ स्पांन 6 करोड़ फ्राई तथा तीन करोड फिगंरलिंग की उत्पादन कर रही है। जिले में 18 हैचिरियां है जिसमें 10 ही हैचरी क्रियाशील है जो लगभग 30 करोड़ स्पांन 6 करोड़ फ्राई तथा 3 करोड़ फिंगर्लिंग की उत्पादन कर रही है।

लगभग जिले को एक करोड़ 90 लाख फिंगर्लिंग की मांग है और जिला 3 करोड़ फिंगर्लिंग का उत्पादन कर रहा है अर्थात इस संदर्भ में हमारा जिला आत्मनिर्भर है साथ ही फिंगर्लिंग का निर्यात नेपाल एवं बिहार के अन्य जिलों में कर रहा है।

वही पीयूष कुमार, जिला प्रसार पदाधिकारी मत्स्य ने मांग के अनुरूप उत्पादन वृद्धि हेतु विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयास एवं प्रस्तावित कार्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकारी तथा निजी तालाबों में उन्नत इनपुट योजना उच्च प्रजाति का मत्स्य, बीज की योजना नए तालाब निर्माण ,चौर विकास मत्स्य पालकों को राज्य से के बाहर तथा राज्य स्तर पर मत्स्य प्रशिक्षण, मत्स्य आहार हेतु फीस, फिड मील योजना, योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु समय-समय पर कार्यशाला, गोष्टी जागरूकता, मनो एवं चौर में भी मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन प्रगतिशील मत्स्य पलकों के द्वारा दिए जा रहे हैं आहार वरमी कंपोस्ट का प्रयोग, नर्सरी, रियरिंग संचयन तालाब के फायदे एवं ब्रुड फिश के रखरखाव का प्रचार प्रचार एवं प्रत्यक्षण के रूप में चिन्हित करना है 5000 से अधिक प्रति हेक्टेयर एयरलिंक का संचायन कर चरणबद्ध मत्स्य शिकारमाही एवं पुनः ईयरलिंग का अनुपातिक संचयन हेतु प्रोत्साहित करना मत्स्यपालन के मछुआरों के स्वरोजगार सृर्जन एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में आधारभूत संरचना हेतु केसीसी किसान क्रेडिट कार्ड की योजना स्वच्छ, स्वस्थ एवं जिंदा मछलियों को सुलभ पहुंच हर घर तक करने हेतु दो पहिया ,तीन पहिया ,चार पहिया वाहन उपलब्ध कराने की योजना स्वरोजगार के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम बनता है गरीबी मच्छरों के लिए मछुआ आवास प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा ,मत्स्य फसल बीमा का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इस मौके पर सुशांत चौबे ,मत्स्य विकास पदाधिकारी, सीताराम कुमार, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, भारत पटेल ,विकास कुमार ,नीरज कुमार, अरुण कुमार ,मत्स्य प्रसाद पदाधिकारी, अभिषेक कुमार आदि मछुआरा संगठन प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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