हिन्दी पखवाड़ा उत्सव कार्यक्रम-” के तहत वैश्विक संदर्भ में हिंदी की उपयोगिता” पर मानू काॅलेज आफ टीचर एजुकेशन, दरभंगा में कार्यकम का आयोजन हुआ!

दरभंगा (ब्यूरो रिर्पोट):_आज “हिन्दी पखवाड़ा उत्सव कार्यक्रम- 2024″ विषय ” वैश्विक संदर्भ में हिंदी की उपयोगिता” के उपलक्ष्य में मानू काॅलेज आफ टीचर एजुकेशन, दरभंगा (बिहार ) में आयोजित किया गया। मंच का संचालन सोनू रजक, असिस्टेंट प्रोफेसर मानु दरभंगा के द्वारा किया गया। इसपर उन्होंने कहा की हिंदी दिवस 14 सितंबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा को समर्पित है, और इसका मुख्य उद्देश्य है हिंदी भाषा के प्रति लोगों में जागरूकता भरना और इसके प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करना। हिन्दी दिवस पर हिंदी भाषा के विकास के लिए विचार विमर्श हुआ। इस विशेष अवसर पर दो मुख्य अतिथियों ने भाषण दिया। हिन्दी दिवस की शुरुआत सितंबर 1949 को हुई। जब भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के मान्यता दी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर उमेश कुमार विभागाध्यक्ष हिन्दी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, बिहार ने हिंदी भाषा और साहित्य के संबंध में अपने गहन समझ और अनुभव के लिए प्रसिद्ध है। प्रोफेसर उमेश कुमार ने कहा कि हिंदी आज अपनो से हार रही है, ये याद रखना होगा कि हिंदी तभी तक जिंदा है। जब तक संस्कृति उसके साथ जुड़ी है। संस्कृति के बल पर ही हिंदी ने अपना वैश्विक मुकाम हासिल किया। इंडोनेशिया जैसे देशों में रामायण का मंचन होता है, मारीसस सहित दुनिया के अन्य देशों में हिंदी का सांस्कृतिक प्रभाव देखने को स्पष्ट मिलता है। विशिष्ट अथिति डॉ०विनोद बैठा जी प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा मारवाडी महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर है। हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी आत्मभाषा है, ये केवल शब्दो का समूह नही, बल्कि हमारी सोच है। आज के दौर में जब पूरी दुनिया वैश्विक हो रहा है, तो हमे इसे वैश्विक मंच पर लाना होगा। हिंदी दिवस के इस विशेष आयोजन मे मुख्य अतिथियो के विचारों ने यह स्पष्ट किया कि हिंदी भाषा का संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक है, हिंदी न केवल हमारे इतिहास और संस्कृति से जुड़ी है बल्कि हमारे समाज को एक सुत्र में बांधने का भी काम करती है। दोनो ही अतिथियों ने अपने अनुभव और सुझाव से इस दिशा में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। इस कार्यक्रम के द्वारा यह संदेश दिया गया कि हिंदी को हमे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए और इसके प्रचार-प्रसार के लिए हमे मिलकर काम करना होगा। दोनों अतिथियों को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर मो० फ़ैज़ अहमद और प्रोफेसर एडम पाल पटैटी ने पाग, पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र से सम्मानित किये, बी०एड० प्रथम सेमेस्टर के छात्र मो० बदीजमा के द्वारा हिंदी भाषा पर एक सुंदर गीत की प्रस्तुति दी गई। पी०एच०डी० हिंदी की शोधार्थी कंचन कुमारी जी को श्रीमती अतिया जी ने भेंट प्रदान कर सम्मानित किये। कार्यक्रम का आरंभ ईश्वर की आराधना से की गई, मानु सैटेलाइट कैंपस दरभंगा का परिचय डॉ० शफायत अहमद, अतिथियों का परिचय डॉ०अख्तर रज़ा, धन्यवाद ज्ञापन डा० जफर इकबाल जैदी ने की और राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई। कार्यक्रम समन्वयक श्री सोनू रजक, असिस्टेंट प्रोफेसर मानु काॅलेज आफ टीचर एजुकेशन दरभंगा बिहार ने की।

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