–सभी प्रखंड के स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी लाने का दिया गया निर्देश
-सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवा में विस्तार करना जरूरी : सिविल सर्जन
-रात में अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला राज्य में दूसरे स्थान पर
-गर्भवती महिलाओं की शत-प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने का दिया गया निर्देश
-लैंगिक समानता में जिला राज्य में दूसरे स्थान पर
-शत- प्रतिशत नवजात शिशुओं को जन्म के बाद कराया जाता है स्तनपान
-22 सितंबर से जिले में चलेगा पल्स पोलियो अभियान
पूर्णिया (ब्रजभूषण कुमार) ;_राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के पैरामेडिकल बिल्डिंग में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया द्वारा सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रखंड से लेकर समुदाय स्तर तक संचालित स्वास्थ्य अस्पतालों द्वारा लोगों को आसानी से चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने का आवश्यक निर्देश दिया गया। इसके साथ साथ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समुदाय स्तर पहुंचकर शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। सभी अस्पतालों में चिकित्सकों को समय पर पहुंचते हुए उपलब्ध मरीजों को सुविधा देना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि समय से अस्पताल में पर्ची मिलने एवं चिकित्सकों द्वारा जांच और इलाज करने पर अस्पताल में मरीजों की संख्या में विस्तार होगा और लोगों को सरकारी अस्पतालों से ज्यादा लाभ मिल सकेगा। जिस प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ साथ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में ओपीडी सेवा में कमी रहती है वहां स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मियों को नियुक्त कर कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। इसके लिए सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को ध्यान रखना आवश्यक है। सभी अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सकों द्वारा ओपीडी में ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच और इलाज करना सुनिश्चित करना है। सभी चिकित्सकों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज किया जाता है जिसमें नियमित विस्तार होना चाहिए। जिस अस्पताल में दांत के चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं वहां दूसरे अस्पताल के डेंटल चिकित्सकों को ड्यूटी दिया जाएगा ताकि मरीजों को नजदीकी अस्पताल में जांच और इलाज सुनिश्चित हो सके।
स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया के साथ एसीएमओ डॉ आर पी मंडल, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, सीडीओ डॉ कृष्ण मोहन दास, डीसीएम संजय दिनकर, डीआईओ डॉ विनय मोहन, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, डीएमएनई आलोक कुमार, डीपीसी डॉ सुधांशु कुमार, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, जिला समन्यवक राजकुमार, एसएमसी मुकेश गुप्ता, डब्लूएचओ आरआरटी डॉ पुनीत कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से सोमेन अधिकारी, संध्या कुमारी, नम्रता सिन्हा सहित सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीएचएम व बीसीएम उपस्थित रहे।
रात में अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला राज्य में दूसरे स्थान पर :
जिले के सभी प्रखंड अस्पतालों में रात में भी उपलब्ध मरीजों को आसानी से चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है।जुलाई माह में जिले के सभी अस्पतालों में 25 हजार 428 मरीज रात के समय मेडिकल सहायता के लिए उपलब्ध हुए जिसमें से 23 हजार 534 मरीजों का उपचार प्रखंड अस्पताल में ही उपलब्ध हो गया। गंभीर स्थिति वाले मरीजों को फर्स्ट एड देते हुए विशेष उपचार हेतु बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया। रात में प्रखंड अस्पताल द्वारा मरीजों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने में पूर्णिया जिला 93 प्रतिशत उपलब्धि के साथ राज्य में दूसरे स्थान पर है। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया द्वारा सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए दवाई उपलब्ध रखने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिससे कि सभी मरीजों को आवश्यक दवाई पर्याप्त मात्रा में मिल सके। प्रखंड से लेकर समुदाय स्तर पर संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध दवाओं के उपयोग की सभी जानकारी प्रतिदिन जिला स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करने का सिविल सर्जन द्वारा सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है जिससे कि सभी अस्पताल में नियमित आवश्यक दवाई उपलब्ध रखा जा सके। समुदाय स्तर पर ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेंसी द्वारा मरीजों को ऑनलाइन माध्यम से चिकित्सकों से मेडिकल सहायता उपलब्ध कराते हुए आवश्यक दवाई उपलब्ध कराने का आवश्यक निर्देश दिया गया है।
गर्भवती महिलाओं की शत प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने का दिया गया निर्देश :
समीक्षा बैठक में सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की शत प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने का सिविल सर्जन द्वारा निर्देश दिया गया। जुलाई माह में जिले में 7 हजार 064 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित किया गया है। उपलब्ध जनसंख्या के आधार पर पूर्णिया जिला में हर माह 09 हजार 645 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सिविल सर्जन द्वारा सभी अधिकारियों को इसमें सुधार करते हुए ज्यादा गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच करते हुए हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान करते हुए हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था में आवश्यक टीकाकरण करवाते हुए शत प्रतिशत प्रखंड या जिला अस्पताल में प्रसव कराने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
लैंगिक समानता में जिला राज्य में दूसरे स्थान पर :
लैंगिक समानता में पूर्णिया जिला जुलाई महीने में 1000 महिलाओं की संख्या में 958 पुरुष के साथ राज्य में दूसरे स्थान पर है। बिहार में 1000 पुरुषों की संख्या में 963 महिलाओं के साथ मधेपुरा जिला पहले स्थान पर है। सभी अधिकारियों को लैंगिक समानता संबंधित रिपोर्ट नियमित अपडेट करते रखने का आवश्यक निर्देश दिया गया है।
शत प्रतिशत नवजात शिशुओं को जन्म के बाद कराया जाता है स्तनपान :
जन्म के बाद नवजात शिशुओं को एक घंटे के अंदर स्तनपान सुनिश्चित कराने में भी पूर्णिया जिला राज्य में दूसरे स्थान पर है। पूर्णिया जिले में 100 प्रतिशत नवजात शिशुओं को जन्म के बाद एक घंटे के भीतर माँ का स्तनपान कराना सुनिश्चित किया जाता है। जुलाई माह में पूर्णिया जिले में जन्म होने वाले 06 हजार 546 बच्चों का जन्म के बाद एक घंटे के अंदर माँ का स्तनपान कराया गया है। नवजात शिशुओं को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए शत प्रतिशत टीकाकरण भी करवाने का सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है। बच्चों को नियमित टीकाकरण सुनिश्चित कराने में पूर्णिया जिला राज्य में 05वें स्थान पर है।
22 सितंबर से जिले में चलेगा पल्स पोलियो अभियान :
बच्चों को पोलियो बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए 0 से 05 वर्ष के बच्चों को दो बूंद पोलियो ड्राप पिलाने के लिए जिले में 22 सितंबर से पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान 0 से 05 वर्ष के सभी बच्चों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर पहुँचकर दो बूंद पोलियो ड्राप खिलाई जाएगी। इसके लिए सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को स्थानीय लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों प्रशिक्षित किया जाएगा। शत प्रतिशत पल्स पोलियो अभियान की सफलता के लिए प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स तैयार किया जाएगा ताकि 0 से 05 वर्ष के बच्चों को शत प्रतिशत पोलियो ड्राप पिलाने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए शत प्रतिशत पल्स पोलियो अभियान सुनिश्चित किया जा सके।