दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट): दुनिया भरों में अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस आज मनाया जा रहा है। बड़े-बड़े वक्ताओं के द्वारा बड़ी-बड़ी बातें कही जाएगी, देश एवं बिहार के ग्राम पंचायत, प्रखंड एवं समाहरणालय से किसी भी जिला, प्रदेश एवं देश की विकास का नीव रखा जाता है, विकास की नींव रखने वाले कर्मियों की बात करें तो उनमें अधिकांश बिहार सरकार के संविदा रूपी मजदूर होते हैं जिनके द्वारा बिहार सरकार का विकास लिखा जाता है।
आम जनों को लगता है कि विकास का नीव रखने वाले बिहार सरकार के कर्मी है लेकिन उनको क्या पता अपना खून पसीना से बिहार को विकास की प्रगति प्रदान करने वाले संविदा कर्मियों को बिहार सरकार अपना कर्मी नहीं मानती।
संविदा श्रमिकों की व्यथा को बताते हुए राज्य ग्रामीण आवास सेवा संघ के जिला अध्यक्ष राहुल पासवान बताते हैं कि पंचायत स्तर पर कार्यपालक सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, ग्रामीण आवास सहायक, विकास मित्र, कचहरी सचिव, टोला सेवक, किसान सलाहकार,आशा एवं संविदा रहित पंचायत सचिव सभी कर्मी पंचायत, प्रखंड, राज्य एवं देश के सर्वांगीण विकास में शतत अपना योगदान देते हैं। जिससे कि सरकारी योजनाओं का आम जनों तक लाभ मिल सके, लेकिन संविदा श्रमिकों को एक मजदूर से भी कम मानदेय बिहार सरकार के द्वारा दिया जाता है बिहार सरकार के संविदा श्रमिकों के द्वारा संगठन बनाकर जब भी आवाज बुलंद किया जाता है तो उनके आवाज को कुचल दिया जाता है।
संविदा कर्मी का दर्द तब उजागर होता है जब कोई त्यौहार या पर्व हो संविदा कर्मी के बच्चे भी अपने पिता से लालसा लगाकर बैठे रहते हैं कि उनके पिता भी पर्व एवं त्योहार में नए कपड़े लाकर देंगे लेकिन एक बेबस पिता संविदा श्रमिकों का नौकरी करके अपने बच्चों का अभिलाषा पूरी करने में असमर्थ हो जाते हैं।
कुछ दिनों पहले छठ एवं दीवाली का पर्व था मानदेय का लालसा लगाकर ग्रामीण आवास सहायक इंतजार कर रहे थे कि पर्व से पूर्व उनका मानदेय आ जाएगा तो अपने बच्चे को नए कपड़े दिला पाएंगे लेकिन हुआ क्या पर्व बीत जाने के दो दिन बाद एक महीने का मानदेय दिया गया उनकी अभिलाषा तार-तार हो गई।
यही दर्द बिहार में अधिकांश संविदा श्रमिकों का है बिहार सरकार के द्वारा संविदा समवर्गों के लिए अशोक चौधरी कमिटी बनाई गई जिसमें संविदा समवर्गों को स्थाई निदान का भरोसा दिलाया गया लेकिन कमेटी के चार साल पूर्व रिपोर्ट सौंपने के बाद भी आज तक संविदा कर्मियों का कोई स्थाई निदान नहीं मिल सका। बिहार के संविदा श्रमिकों को बिहार सरकार स्थाई निदान दे जिससे कि उनके भी बच्चे उनका भी परिवार अच्छे से परवरिश हो सके इन सभी बातों को कहते हुए राहुल पासवान ने संविदा श्रमिकों एवं अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने वाले सभी मजदूरों को बधाई दिया।