



दरभंगा ( नंदू ठाकुर):_ साहित्य ही वह माध्यम है जिससे हम विभिन्न संस्कृतियों व विचारों से वाक़िफ़ होते हैं। साहित्य हमें नैतिक मूल्यों, सामाजिक ज़िम्मेदारियों और मानवीय संवेदनाओं के महत्व का एहसास दिलाता है। उक्त बातें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आफ़ताब अहमद आफ़ाकी ने कहीं। शनिवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में ‘साहित्य का महत्व’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ ग़ुलाम सरवर की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस विशेष व्याख्यान में प्रो आफ़ाकी ने अपने संबोधन में जीवन व साहित्य के अन्योन्याश्रित महत्व पर विचार करते हुए कहा कि साहित्य में मानव समाज की आत्मा निहित होती है ।साहित्य हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने की व्यापक क्षमता प्रदान करता है, साहित्य के माध्यम से व्यक्ति अपनी अंतर्दृष्टि को विकसित कर सकने में सक्षम होता है।
प्रो ग़ुलाम सरवर ने प्रो आफ़ाकी की सर्जन- यात्रा पर प्रकाश डालते हुए, उन्हें उर्दू साहित्य का धरोहर माना। कार्यक्रम का संचालन विभागीय शिक्षक डॉ मोहम्मद मोतिउर रहमान ने किया। कार्यक्रम का समापन डॉक्टर नसरीन सुरैया के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभाग के शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

