महामहिम के आगमन से खेल का स्तर और शैक्षणिक माहौल बदलेगा:__कपिलेश्वर
दरभंगा:_ युवराज के पूर्वजों के बदौलत ही साहित्य परंपरा यहां कायम है। उक्त बाते महामहिम सह राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज दिन दिवसीय चंद्रगुप्त मौर्य साहित्य कार्यक्रम के अवसर पर दरभंगा के रामबाग स्थित राजपरिवार के युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह के यहां पधारे। रामबाग में वो लगभग डेढ़ घंटा रहे तथा कुमार के साथ साथ राजपरिवार से जुड़े कई सदस्यों से बात चित भी की। वार्ता के दौरान उन्हें राज दरभंगा के भारत के विकाश एवं शैक्षणिक तथा आर्थिक योगदानों के विषय में अवगत कराया गया। उन्होंने दरभंगा से संबंधित कई बिंदुओं पर महत्पूर्ण चर्चा की। सर्वप्रथम कुमार द्वारा उन्हें पाग़,चादर एवं राज परिवार का प्रतीक चिन्ह मछली का मोमेंटो देकर स्वागत किया गया तदुपरांत उन्हें राज परिवार से संदर्भित पुस्तकें भेट की गई। वार्ता के दौरान महामहिम ने कहा कि बेहतर शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय का आधारभूत संरचना महत्वपूर्ण है जिसमें खेल सबसे अहम हिस्सा है और खेल के लिए अच्छी सुविधा और सुसंगत मैदान होना अति महत्वपूर्ण है, महामहिम ने जोर देकर कहा कि शिक्षा अथवा खेल के विकाश के लिए राष्ट्र प्रेम सर्वोपरी है । युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह ने उन्हें अनुरोध किया कि आपके द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम ही इस क्षेत्र के दोनों विश्वविद्यालय की नीति बदल सकते हैं क्योंकि खेलने के लिए यहां एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का मैदान उपलब्ध नहीं है जबकि उनके पूर्वजों द्वारा आज से पचास वर्ष पहले तक यहां पोलो, लॉन टेनिस, फुटबॉल, क्रिकेट आदि कई खेलों का समायोजन हुआ करता था। यह मेरे पूर्वजों की ही देन है कि इस क्षेत्र में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय तथा यहां होनेवाले क्रिकेट, फुटबॉल कई ऐसे खेल जो आज भी प्रचलित है। महामहिम ने अपनी आतुरता को दर्शाते हुए बताया कि मुझे राज परिवार के विषय में जानने की बहुत उत्कंठा है तथा मेरी यह प्रबल इच्छा है की रात्रि विश्राम एक दिन में यही करूं। क्योंकि दरभंगा राज परिवार के चार सौ वर्षों के इतिहासों को समझने तथा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदानों की विवेचना करना बहुत मुश्किल है, बेहतर यही होगा कि साहित्य के माध्यम से यहां के महाविद्यालय, विभागों के पठन-पाठन में इस विधि को अपनाया जाए। इस दौरान अवकाश प्राप्ति वरिष्ठ खेल पदाधिकारी, आई.आई. टी., मुंबई, तथा राजपरिवार के डॉ. शिवनाथ झा ने खेलों में राज परिवार का महत्वपूर्ण योगदानों के विषय में उन्हें बताया, साथ ही कई खेल जो आज उपेक्षा की शिकार हैं उन्हें नई गति सीमा देने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य तथा राजपरिवार के जानकार डॉ. संतोष कुमार ने भी महामहिम से विश्वविद्यालयों के लिए विशेष स्नेह एवं यहां फिर पधारने के लिए अनुरोध किया जिससे एक नए माहौल बने।
भाजपा के वरिष्ठ नेता, मिथिला अध्ययन केंद्र के सचिव रंगनाथ ठाकुर ने राजपरिवार के योगदानों को विशेष महत्व राष्ट्रीय स्तर तक दिया जाय जिससे उनके द्वारा किए गए कार्यों की आम जनमानस तक पहुंचाया जाए।
विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री उत्सव परासर ने महामहिम से अनुरोध किया कि आपके शैक्षणिक वार्तालाप से बिहार के विश्वविद्यालयों में एक अलग माहौल बना है उम्मीद है कि आपकी पैनी निगाह इस क्षेत्र में कायम रहेगी। उक्त अवसर पर इस अवसर पर डॉ. मित्रनाथ झा, डॉ. हेमपति झा आदि ने भी महामहिम को राज दरभंगा के कृत्यों से अवगत कराया।