दरभंगा:_ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में प्रो. चेतकर झा स्मृति व्याख्यान की ओर से “भूमंडलीकरण के दौर में गांधीवादी विकल्प की तलाश” विषय पर व्याख्यान का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में हुआ।अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. यादव ने कहा कि विभाग में प्रो. चेतकर झा स्मृति मेमोरियल की हाल ही में स्थापना की गई है और आज पहला ऐतिहासिक व्याख्यान है, जिसमें बतौर मुख्य वक्ता आईएसजीएस के प्रेसीडेंट प्रो. सतीश कुमार का बौद्धिक स्वागत योग्य है। इतिहास साक्षी है कि अहिंसा के मार्ग देश को आजादी दिलाकर गाँधी ने दुनिया भर के देशों को यह संदेश दिया कि अहिंसा हर समस्या का समाधान है। आज दुनिया गांधीवादी मार्ग को अपना रही है। पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप का बयान कि दुनिया से युद्ध खत्म हो और शांति, भाईचारा व अमन-चैन कायम हो, विचारणीय है।बतौर मुख्य अतिथि आईएसजीएस के प्रेसीडेंट प्रो. सतीश कुमार ने भूमंडलीकरण के दौर में गांधीवाद को दुनिया में शांति का एकमात्र विकल्प माना। बम, गोली, गोला व बारूद किसी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि नई समस्या को जन्म देने के कारक हैं। गाँधी सदैव कहा करते थे कि युद्ध की जगह अहिंसा के मार्ग को अपनाना चाहिए और जो अहिंसा के मार्ग को मानता है वो युद्ध की जगह बातचीत के पटल पर आता है। रूस-यूक्रेन युद्ध इसका सशक्त उदाहरण है। युद्ध से कोई देश कितना पिछड़ सकता है इसका आंकलन करना अकल्पनीय है। विभागीय शिक्षक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जिन देशों ने दो-दो विश्व युद्ध लड़े, उन्हें पता है कि युद्ध से क्या हानि होती है? गांधीवाद ही देश के विकास में सहायक है। भूमंडलीकरण के दौर में गांधीवाद ही एकमात्र विकल्प है।
इस मौके पर विभागीय शिक्षक डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा, नीतू कुमारी व रघुवीर कुमार रंजन ने भी अपने-अपने महत्वपूर्ण विचार रखें।
मंच संचालन विभाग के वरीय आचार्य डॉ. मुकुल बिहारी वर्मा ने किया ,वहीं धन्यवाद ज्ञापन महारानी रामेश्वरी महिला महाविद्यालय, दरभंगा की समाजशास्त्र विभाग की डॉ. पुतुल सिंह ने किया। इस अवसर पर चंद्रधारी मिथिला महाविद्यालय, दरभंगा के आलोक तिवारी, मिल्लत महाविद्यालय के डॉ. जमशेद आलम व जगदीश नंदन महाविद्यालय, मधुबनी के डॉ. उमाकांत पासवान सहित विभाग के कई छात्र- छात्राएं व शोधार्थी उपस्थित थे।