मोदी करे तो देश भक्ति ; मंगरुआ करे तो देश द्रोही :
प्रभुराज नारायण राव- Daran24 News
दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के नेतृत्व में जब से केंद्र की मोदी सरकार बनी है । तब से देश के सारे नियमों में बदलाव नजर आने लगा है । यह सब जानते हैं कि देश के नियमों के तहत आयात और निर्यात होता रहा है । एक देश से दूसरे देश के आर्थिक रिश्ते बनते और बिगड़ते रहते हैं । इसी परिपेक्ष में हमारे देश से अन्य देशों के रिश्ते बनते रहे हैं । हम अगर आईएमएफ या विश्व बैंक से कर्ज लेते हैं , तो अमेरिका , जापान , फ्रांस जैसे साम्राज्यवादी देशों से निर्यात और आयात भी करते हैं ।
इतना ही नहीं हम पाकिस्तान से भी आयात और निर्यात करते हैं । बड़े पैमाने पर चीनी का आयात या कई अन्य सामग्रियों का आयात हम करते रहे हैं। बगल का दूसरा शत्रु देश चीन से भी हमारा आयात और निर्यात होता रहा है। हम अरबों खरबों में चीन से आयात करते रहे हैं। हमारे देश में मोबाइल की संख्या जितना ही बढ़ रहा है । इस स्तर पर उसका बैटरी हम चीन से आयात करते हैं। अदानी और अंबानी का कारोबार , मोबाइल का कारोबार लगातार चीन से होता रहा है।
जब रिलायंस कंपनी ने 1500 में मोबाइल देने की घोषणा की थी । तो उसने चीन से 30 करोड़ मोबाइल आयात किया था और तीन किस्तों में चीन ने रिलायंस कंपनी को मोबाइल दिया था । उसके अनुसार देश के लोगों के बीच मुनाफे लेकर मोबाइल का कारोबार रिलायंस कंपनी करता रहा । यह आयात और निर्यात की नीति है । इसमें कहीं भी देशद्रोह नजर नहीं आता । जब वल्लभभाई पटेल का 130 फीट का आदम कद मूर्ति बनाना था । तो बगल के अपने शत्रु देश चीन से 300 करोड रुपए में मोदी सरकार ने मूर्ति मंगाई थी । चूकि यह मर्यादित प्रधानमंत्री मोदी जी ने मंगाया था तो कोई देशद्रोह का मामला थोड़े बनेगा । सरकार और देश के कॉर्पोरेट जो देश की जनता को लूट रहे हैं अगर यह कोई कारोबार करें । तो उसमें देशद्रोह नहीं है ।
- लेकिन दिवाली के समय में चीन से या नेपाल से आने वाले 30 रुपए की झालर मगरुआ अपने घर दिवाली मनाने के लिए लगाता है । साधारण लोगों के घर में उस झालर से दिवाली में रोशनी का जगमगाहट होता है । तो उसमें देशद्रोह नजर आता है ।
अंध राष्ट्रभक्तों को इस तरह की पाठ पढ़ाई गई है कि वह नशे में धूत होकर गरीब तथा मध्यवर्गीय लोगों के घरों पर फैलने वाले रोशनी या जगमगाहट में देशद्रोह दिखने लगता है और उसके खिलाफ न्याय संगत तथा शारीरिक और आर्थिक सजा देने के साथ साथ अपने खून पसीने से देश को संवारने वाले सच्चे सपूतों देशद्रोही कहने लगते हैं । इन्हें संघ ने इस तरीके का नशा पान कराया है कि इनको संघ और मोदी के जुबान से निकले हुए शब्द में ही राष्ट्रभक्ति नजर आता है । बाकी देश की जनता की जहालत , उनकी गरीबी , उनके ऊपर पढ़ रहे आर्थिक बोझ , उनकी बदहाली , उनके भूख से इनका कोई वास्ता नहीं होता ।
वाह रे राष्ट्रभक्ति का जज्बा । जिसमें भक्ति कम सांप्रदायिकता तथा शत्रुता ज्यादा दिखता है। इन भक्तों को देश को लूटने वाले कारपोरेट तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां सच्चे नजर आते हैं।