



दरभंगा:_निर्मम हत्या के शिकार हुए हाफ़िज़ मंसूर मास्टर साहब (भरवारा- जाले विधानसभा) के परिजनों से मिलने और उन्हें ढांढस बंधाने के लिए DMCH परिसर में पोस्टमार्टम के दौरान पहुंचा।
एक शिक्षक—जो हर दिन बच्चों को शिक्षित करने, अज्ञान के अंधकार को मिटाने निकलता था—आज उसी रास्ते पर गोलियों का शिकार हो गया। यह केवल हत्या नहीं, बल्कि शिक्षा, समाज और व्यवस्था पर एक गहरी चोट है।
डबल इंजन सरकार में जब एक सरकारी शिक्षक तक सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की उम्मीद करना भी व्यर्थ है।

अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, और प्रशासन तमाशबीन।बिहार की कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
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