मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए किसान चौपाल कार्यक्रम का किया गया आयोजन 

 

 

भारी मात्रा में रसायनों और उर्वरकों  के इस्तेमाल के  कारण मिट्टी की गुणवत्ता दिनों दिन होती जा रही है खराब,

 

केवटी (ब्यूरो रिपोर्ट) : प्रखण्ड के जलवारा व असराहा पंचायत में मंगलवार को किसान चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया है। मौके पर सहायक तकनीकी प्रबंधक मो० रशीदुल हक ने कहा मौजूदा समय में खेती में भारी मात्रा में रसायनों और उर्वरकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके कारण मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है और खेत बंजर होते जा रहे हैं। दिनों दिन खेती महंगी होती जा रही है, जिसका मुख्य कारण भारी मात्रा में महंगे रसायनों और खाद का इस्तेमाल है। इस स्थिति से निपटने के लिए जैविक खाद का उपयोग जरूरी है। जीवामृत मिट्टी में कार्बनिक अवशेषों को सड़ने में मदद करता है और मिट्टी को उपजाऊ बनाकर उसकी गुणवत्ता में सुधार करता है।

बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जिसकी 80 % जनसँख्या कृषि पर आधारित है | कृषि के लिए सिंचाई एक मुख्य कारक है | गत वर्षों में मानसून की अनिश्चितता एवं अल्प वर्षापात की स्थिति के कारण भूजल आधारित सिंचाई पर निर्भरता बढ़ गयी है | राज्य के 90-95 प्रतिशत कृषक लघु एवं सीमान्त श्रेणी के हैं | अतः वे सिंचाई साधन विकसित करने हेतु आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं | अतः राज्य और केंद्र सरकार ने कृषि विकास एवं कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु अनुदान आधारित सुक्ष्म सिंचाई योजना लागू की है साथ ही सुक्ष्म सिंचाई योजन का लाभ लेने वाले किसान के लिए निजी नलकूप योजना की भी व्यवस्था की गई है।

पौधा संरक्षण संबंधित सरजमीन सेवा एवं उपादान वितरण अन्तर्गत आम, लीची एवं अमरूद के वृक्षों पर कीट एवं व्याधि प्रबंधन हेतु कीटनाशी सहित छिड़काव तथा फेरोमोन टेप, लाईफ टाईम ट्रेप, जैव कीटनाशी एवं रासायनिक कीटनाशी / फफुंदनाशी / खरपतवारनाशी अनुदान क्रय हेतु अनुदान दी जा रही है।
आत्मा योजना के घटक, उध्यान योजना, मृदा जॉच योजना इत्यादि के बारे में भी जानकारी दिए।

किसान चौपाल टीम के सदस्य संजय कुमार कृषि समन्वयक, धन्नजय कृषि समन्वयक, आशुतोष झा कृषि समन्वयक, मुरारी मोहन मिश्र कृषि समन्वयक ने संयुक्त रूप से
जीरो टिलेज / सीडड्रील से खेती का महत्व, रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसलो का विविधिकरण, जैविक खेती का महत्व, जलवायु अनुकूल कृषि कार्य, फसल अवशेष प्रबंधन, चतुर्थ कृषि रोड मैप के विभिन्न आयामों की विस्तृत जानकारी दिए है। साथ ही बीज वितरण योजना, मृदा जॉच, के बारे में बताए।

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