“महिला संवाद: जंगल किनारे बसी महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भरता की मिसाल”

 

मिसरौली पंचायत में महिला नेतृत्व की नई लहर – शिक्षा, स्वावलंबन और स्वरोजगार की ओर बढ़ता कदम”

 

 

“महिला संवाद में उठी मांग: पुल निर्माण से लेकर आई.टी. आई. संस्थान तक, गांव की महिलाएं उठा रहीं हैं विकास की बागडोर

 

वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व से सटे सिधाव प्रखंड के मिसरौली पंचायत में धनवर्षा और भारत जीविका महिला ग्राम संगठन में महिला संवाद कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए कि कैसे वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में सफलतापूर्वक अग्रसर हो रही हैं।

वार्ड संख्या 6 की पूनम देवी ने बताया कि उन्होंने सतत् जीविकोपार्जन योजना की सहायता से एक सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना कि है। इसके माध्यम से वे न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं। उनके इस प्रयास से महिलाओं की जंगल पर निर्भरता में भी कमी आई है।

वहीं माया देवी ने अपने निजी प्रयास से एक प्राइवेट लाइब्रेरी की शुरुआत कि है, जो बच्चों को शिक्षा का वातावरण प्रदान कर रही है।

कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने क्षेत्र की समस्याओं और आवश्यकताओं पर भी खुलकर अपनी बात रखी ।बरसात के मौसम में मिसरौली और भऔवा के बीच का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। महिलाओं ने स्थायी पुल निर्माण की मांग रखी है।सीमा देवी और अन्य महिलाओं ने प्रखंड में जन औषधि केंद्र की स्थापना की आवश्यकता जताई।उर्मिला देवी समेत कई महिलाओं ने स्थानीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा (आई.टी.आई.) की स्थापना कराने तथा युवाओं को रोज़गारोन्मुखी प्रशिक्षण देने की मांग की है ।कार्यक्रम के अंतर्गत, जीविका के कर्मियों द्वारा महिलाओं की सभी जायज़ आकांक्षाओं एवं सुझावों की ऑनलाइन एंट्री भी की गई, ताकि उन्हें आगे की योजनाओं में शामिल किया जा सके।

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