भाकपा-माले नेताओं को मुकदमा में फसाने की जांच कर मुकदमा से मुक्त करने की मांग को लेकर 23 सितम्बर को पुलिस के खिलाफ जिलाभर में होगा प्रतिवाद कार्यक्रम:माले

भाकपा-माले नेताओं को मुकदमा में फसाने की जांच कर मुकदमा से मुक्त करने की मांग को लेकर 23 सितम्बर को पुलिस के खिलाफ जिलाभर में होगा प्रतिवाद कार्यक्रम:माले -Darpan24 News

 

बेतिया (ब्रजभूषण कुमार) :  सामंतों और थाना के दलालों के इसारे पर बेतिया पुलिस जिला की पुलिस भाकपा-माले के नेताओं और समर्थकों को मुकदमा में फंसा जेल भेज रही है। भाकपा-माले इस अन्याय के खिलाफ 23 सितम्बर को जिला भर में प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित कर नेताओं और समर्थकों का नाम मुकदमा से निकालने की मांग करेगा।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए भाकपा-माले व किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि सामंतवाद व अपराध विरोधी संघर्षों का नेतृत्व करने की वजह से भाकपा-माले नेताओं और समर्थकों को चुन चुन कर फर्जी मुकदमों में फसाया जा रहा है। भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य और मैंनाटाड़ अंचल के सचिव अच्छेलाल राम और अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष सीताराम राम को मैनाटांड़ थाना कांड़ संख्या 139/23 में गलत ढ़ंग से अभियुक्त बना दिया गया है। इस कांड़ से माले नेताओं का कोई लेना देना नहीं है। इस मामले को वहां की पुलिस और हजारों हजार लोग जानते है कि इस मामले मे माले नेता निर्दोष है । वही गौनाहा थाना कांड़ संख्या 47/23 में भाकपा-माले नेताओं नंदू मुखिया, प्रसाद यादव और घनश्याम मुखिया को गलत ढ़ंग से जंगल विभाग के वनपाल द्वारा वहां के के स्थानीय सामंत के इसारे पर फसा दिया गया है। मुकदमा में दिये गये घटना स्थल से माले नेताओं का घर दो किलोमीटर दूर है। इस मामले में आरक्षी अधीक्षक से लेकर पुलिस उप महानीरीक्षक तक आवेदन दिया गया। पुलिस इसमें सरकारी केस कह पल्ला छुड़ा रही है। वही इस कांड़ के एक आरोपी माले नेता प्रसाद यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दुसरी तरफ भाकपा-माले समर्थकों के द्वारा किया गया मुकदमा को पुलिस जमानतीय बना दे रही है या महत्वपूर्ण लोगों का नाम निकाल दे रही है। जिसका उदाहरण गौनाहा थाना कांड़ संख्या 83/23 है। जिसमें कुछ नाम निकाल दिया गया है बकाया लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है।
माले नेता ने कहा कि बेतिया पुलिस जिला के पुलिस अधीक्षक को इन सभी मामलों से अवगत करा दिया गया है लेकिन अब तक कोई कारवाई नही की ऐसे में भाकपा-माले ने माले नेताओं/समर्थकों को मुकदमों में फसाने और जेल भेजने के खिलाफ 23 सितम्बर से संघर्ष की घोषणा किया। इस दिन जिला के सभी प्रखंड में प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री के नाम आवेदन दिया जाएगा।

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