बिहार सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ आक्रोशित हुई आशा कर्मी,निकाला प्रतिवाद मार्च

 

आशा कार्यकर्ता संघ(गोपगुट-ऐक्टू) का पांच दिवसीय हड़ताल समाप्त

 

समझौता का कैबिनेट करें नितीश सरकार नही तो आभा-आयुष्मान कार्ड नही बनाएंगे आशा कर्मी-अंजू देवी

 

हड़ताल में हुए समझौता लागू करें डबल इंजन की सरकार नही तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी आशा-गोपगुट

दरभंगा :_वर्ष 2023 में 33 दिनों की हड़ताल के बाद बिहार सरकार और आशा कर्मियों के बीच हुए समझौते को 2 वर्ष बीत जाने के बावजूद मांग को लागू नहीं करने के वादा खिलाफी के खिलाफ आक्रोशित आशा कर्मी ने बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ(गोपगुट-ऐक्टू) के राज्य संघ के निर्णय अनुसार जिला के हायाघाट, बहादुरपुर, सदर, जाले सीएचसी-पीएचसी पर हड़ताल के समर्थन में आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन कर प्रतिवाद मार्च निकाला जिसका नेतृत्व संघ के जिला सचिव अंजु देवी, जिला अध्यक्ष सविता कुमारी, सुधा देवी, रिमझिम कुमारी, आरती कुमारी, शबनम बेगम, शहनाज खातून, वैदेही कुमारी कर रहे थे सैकड़ो की संख्या में आशा कर्मी सरकार के विरोध एवं 2023 में हुए संघ के साथ समझौता को लागू करने सहित सतरह सूत्री मांग पूर्ति हेतु नारा लगा रहे थे। इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए जिला सचिव अंजु देवी ने कहा कि हड़ताल के दौरान हुए समझौता को कैबिनेट कर नितीश सरकार अविलम्ब लागू करें नही तो आशा कर्मी अपने आन्दोलन के अगले चरण में सरकार के अभियान आभा-आयुष्मान कार्ड विरोध करेंगे आशा कर्मी और आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी आशा जिसकी जबावदेही सरकार की होगी। इस अवसर पर बहादुरपुर सीएचसी पर सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू के जिला सचिव उमेश प्रसाद साह ने कहा कि राज सरकार 2023 में 32 दिवसीय हड़ताल के क्रम में आशा कार्यकर्ता फैसिलिटेटर के मासिक मानदेय राशि ₹1000 को बढ़ाकर ₹2500 करने का लिया गया था जिसे करीब 2 साल बीतने पर भी लागू नहीं किया गया है| जिससे आशा कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है तथा सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का फैसला लिया |आगे उन्होंने कहा की 17 सूत्री मांगों की पूर्ती हेतु चरणबद्ध आंदोलन करने का आहवान किया। आगे उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में कहा कि 2023 में हुए समझौते के अनुरूप आशा और आशा फैसिलिटेटर के मानसिक मंनदेय 1000 से बढ़कर ₹2500 से बढ़कर ₹10000 करने संबंधी आदेश अभिलंब निर्गत किया जाए | पिछले 6 माह से लंबित मानदेय का भुगतान अभिलंब निर्गत किया जाए और इसके लिए दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए | पिछला सारा बकाया का भुगतान करते हुए पोर्टल व्यवस्था में सुधार किया जाए | रिटायरमेंट की उम्र की सीमा 65 वर्ष की जाए सेवानिवृत्ति के समय 10 लाख का रिटायरमेंट पैकेज दिया जाए तथा अनिवार्य मासिक पेंशन की सुविधा दी जाए |आशाओं को विभिन्न तरह के कामों के लिए जो प्रोत्साहन राशि मिलती है उसका पुनरीक्षण किया जाए |विदित हो कि पिछले 10 वर्षों में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है केंद्र सरकार और राज्य सरकार सम्मिलित विमर्श के आधार पर आशा और आशा फैसिलिटेटर के लेकर 21000 रुपए बेसिक न्यूनतम मानसिक मानदेय निर्धारित किया जाए | हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से जुड़ी आशाओं को देय राशि का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जाए और इसमें आशा फैसिलिटेटर को भी जोड़ा जाए| जिला अध्यक्ष सविता कुमारी ने कहा कि केंद्र की सरकार मजदूर कर्मचारी विरोधी सरकार के रूप में ही काम कर रही है देश के तमाम मेहनतकशों की कठोर मेहनत से तैयार की गई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पूंजीपत्तियों के साथ कौड़ी के मोल बेचा जा रहा है और दिन-रात निजी कंपनियों को लूटने की चौतरफा छूट दे जा रही है केंद्र व राज सरकार आम जनता ,मजदूर ,किसानों ,छात्रों, नौजवानों ,कर्मचारी, महिलाओं तथा समाज के पीड़ित तबकों बेरोजगारों आदि की बात सुनने के बजाय दो चार कॉर्पोरेट घरानों की सेवा करने में अधिक रुचि है आगे उन्होंने कहा कि नागरिकों को की स्वतंत्रता पर रोज हमले हो रहे हैं संविधान को बदलने का हर क्षण प्रयास हो रहा है प्रतिरोध की हर आवाज को कुचल देने की हर संभव कोशिश की जा रही है सभा को अन्य लोगों के अलावा शबनम खातून, रंजना देवी, सुधा देवी, किरण कुमारी, रेखा देवी, बेबी देवी, पूनम कुमारी, अंजू देवी, चाँदनी कुमारी, रेणु कुमारी, बवन देवी, गुड्डी देवी, किरण कुमारी शर्मिला देवी, अनिता कुमारी, पूनम देवी आदि ने सम्बोधित किया। इस मौके पर काफी संख्या में आशा फैसिलिटेटर उपस्थित थे।

 

 

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