बिहार बाल भवन किलकारी दरभंगा में पतंग उत्सव का आयोजन

 

दरभंगा:_मकर संक्रांति पर्व के उपलक्ष में बिहार बाल भवन किलकारी दरभंगा में पतंग उत्सव का आयोजन किया गया व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों को परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना था। इस आयोजन की शुरुआत बच्चों द्वारा किलकारी के प्रांगण में हस्तनिर्मित रंग बिरंगी पतंगों को उड़ा कर की गई।बच्चों में एक अलग ही उत्साह दिख रहा था । इसी क्रम में बच्चों ने मासिक प्रदर्शनी लगाई एवं सांस्कृतिक मंचीय प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विधा के बच्चो द्वारा मिथिला स्वागत गीत प्रस्तुति ऐलन पाहुन अति महान…….से हुई ।

मुख्य अतिथि के रूप में आए जिला शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण नंद सदा जी ने बच्चों की प्रस्तुति, प्रदर्शनी एवं गतिविधियों का अवलोकन किया एवं उत्साहवर्धन हेतु आशीष वचन दिए । तत्पश्चात प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक रवि भूषण कुमार जी, सहायक कार्यकम पदाधिकारी निधि कुमारी, प्रमंडल संसाधन सेवी पल्लवी अग्रवाल एवं सहायक लेखा पदाधिकारी शशि रंजन जी ने बच्चों द्वारा बनाई गई हस्तनिर्मित पुष्पगुच्छ,पेंटिंग एवं किलकारी पत्रिका अतिथियों को भेंट स्वरूप प्रदान की।

किलकारी के संगीत विद्या के बच्चों ने इस अवसर पर गायन की प्रस्तुति दी उपरांत नृत्य विधा के बच्चों ने पारंपरिक नृत्य के साथ-साथ भारत के विभिन्न राज्यों की जनजातीय और सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दीं। इन नृत्यों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में बच्चों की भागीदारी और उत्साह देखते ही बनता था। बिहार का प्रसिद्ध मिथिला विवाह लोक नृत्य की सामूहिक प्रस्तुति दी, पतंग गीत ढील दे दे रे भईया…चली चली रे पतंग..बॉलीवुड राजस्थानी फ्यूजन, रजवाड़ी ओढ़नी….जैसे गीत पर नृत्य प्रस्तुति जिसे देखकर अभिभावक एवं प्रशिक्षक बड़े आनंदित हुए ।प्रशिक्षक एवं किलकारी के बच्चों ने मिलकर मकर संक्रांति के पूर्व सभी के लिए खिचड़ी बनाया ।ईट के चूल्हे पर लकड़ी से खिचड़ी बनी और लगभग 250 से 300 बच्चों- अभिभावकों ने गरमा गरम खिचड़ी का आनंद उठाया। विलुप्त हो रहे खेलों को पूर्ण जीवित करने के लिहाज से प्रशिक्षकों ने बच्चों को कई सारे फन खेल गतिविधियां करवाई जिसमें रस्सा कस्सी, पिट्टो, म्यूज़िकल चेयर इत्यादि शामिल थे,बहुत सारे बच्चे झूले का भी आनंद लेते हुए दिखे ।

प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक रवि भूषण जी ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन परंपराओं को संरक्षित करने और बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने का एक प्रयास है। इस पहल से युवा पीढ़ी में सांस्कृतिक जागरूकता और गौरव की भावना उत्पन्न होती है।

ऐसे कार्यक्रमों के जरिए बच्चे न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित होते हैं, बल्कि उनमें समाज और परंपराओं के प्रति सम्मान का भाव भी विकसित होता है। यह प्रयास बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का एक उदाहरण है।

यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर का जश्न था, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम भी साबित हुआ।

इस अवसर पर किलकारी के तमाम प्रशिक्षक राधा कुमारी, रेशमी कुमारी,नीरज चौधरी, गौरव कुमार ठाकुर, अचल कुमार,अंजली भारती,नीलम मिश्रा,राम उदगार पासवान,साकेत कुमार,अमित कुमार, सुमित कुमार,आर्यन कुमार,रवि कुमार ,रिया कुमारी,कार्यालय कर्मी वीरेंद्र कुमार, रौशन कुमार इत्यादि समेत भारी संख्या में बच्चें, अभिभावक, शहरवासी ,गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

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विश्व हिन्दू परिषद बेतिया द्वारा धर्म रक्षा निधि संग्रह अभियान शुरू किया गया। जिला कोषाध्यक्ष सुजीत सोनी ने बताया कि प०चम्पारण में धर्म की रक्षा के लिए विहिप से जुड़े और संगठन के शुभचिंतकों, समाजसेवी, व्यवसायी वर्ग से विहिप के पदाधिकारी संपर्क कर धर्म रक्षा निधि समर्पण का सहयोग लेंगे।

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