




दरभंगा:_ क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और निरंतर विकास को प्रोत्साहित करने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर-कमलों द्वारा बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ में 24 अप्रैल को रेल अनलोडिंग सुविधा से सुसज्जित अत्याधुनिक एलपीजी प्लांट का शिलान्यास किया जाएगा। उक्त बातें गेहुमी स्थित बीपीसीएल गैस क्षेत्र कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय डिप्टी डायरेक्टर जनरल डी के ओझा ने कही। इस अवसर पर बीपीसीएल के कार्यकारी निदेशक एस अब्बास अख्तर व बीपीसीएल के डीजीएम सौरव जैन ने भी प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने इस परियोजना की मुख्य विशेषताएं बताते हुए कहा कि 340.15 करोड़ की लागत से विकसित होने वाली इस महत्वकांक्षी परियोजना को 31 मार्च, 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अत्याधुनिक एलपीजी बॉटलिंग प्लांट प्रतिवर्ष 180 हजार मीट्रिक टन (टीएमटीपीए) की क्षमता से सुसज्जित होगा। इस अत्याधुनिक अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) से युक्त प्लांट में एलपीजी की बेहतर प्राप्ति एवं भंडारण के लिए रेलवे अनलोडिंग साइडिंग, सुरक्षित भंडारण हेतु माउंडेड स्टोरेज वेसल (एमएसवी) तथा सुव्यवस्थित संचालन के लिए 2×24 स्टेशन इलेक्ट्रॉनिक कैरोसेल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह परियोजना उत्तर-पश्चिम बिहार एवं उत्तर-मध्य बिहार में एलपीजी की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम होगी। इस परियोजना के निर्माण चरण के दौरान अनुमानित 1.2 लाख मानव-दिवस रोजगार के सृजन की संभावना है। परियोजना के पूर्ण होने पर, यह विश्वसनीय और बेहतर एलपीजी आपूर्ति के माध्यम से स्थानीय आबादी की जीवन गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। भारत की अटूट विकास यात्रा की प्रतिबद्धता के अनुरूप, यह परियोजना क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति के साथ-साथ सड़क परिवहन से संबंधित कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही, वाष्प पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया (वेपर रिकवरी प्रोसेस) के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन को घटाएगी और सालाना लगभग 11,000 मीट्रिक टन सीओ 2 ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाएगी, जो लगभग 5 लाख पेड़ लगाने के प्रभाव के बराबर है। यह अत्याधुनिक प्लांट, घरेलू और व्यावसायिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण ईंधन के रूप में एलपीजी की विश्वसनीय और निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करके क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।

