प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सडक ध्वस्त

 

बरसात के बाढ़ के बाद आवागमन बदहाल, 

4 माह पहले भी विभिन्न अखबारों में उसकी खबरें आ चुकी है, 

करीब 84 लाख की लागत से
सड़क, 

 

 

बेतिया, लौरिया,पश्चिमी चंपारण(ब्रजभूषण कुमार) : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों में गड़बड़ी का मामला गाहे-बगाहे सामने आता रहता है। ताजा मामला पश्चिमी

चंपारण जिला के लौरिया प्रखंड के रामनगर ,लौरिया रोड सुगौली सिसही रमोली हैं। यह सड़क बनने से पूर्व यहां गहरे गहरे गड्ढों से लोग परेशान थे। जैसे ही बरसात का पानी के दबाव से सड़कें और भी अत्यधिक ध्वस्त हो गई हैं। बरसात के पहले ही विभिन्न अखबारों द्वारा इस सड़क के दुर्दशा के बारे में बताया गया था। वहीं अब निर्माण में लापरवाही के कारण इस सड़क से प्रतिदिन गुजरने वाले तीन गांव सैकड़ों लोगों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं।


जब सड़क से सिसई जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का है। यह सड़क निर्माण के महज कुछ ही सालों में ही दरकने लगी है। इससे स्थानीय लोग विजय कुमार, धीरज कुमार ,लालपरिखा यादव ,ललन चौधरी ,शेषनाथ चौधरी, रामनारायण प्रसाद, राजा यादव, मलधन यादव, लड्डू यादव, बृजेश यादव ,ओम प्रकाश यादव, बनारसी यादव सहित और भी ग्रामीणों ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि निर्माण एजेंसी ने इस सड़क पर मानक के अनुसार निर्माण सामग्री का प्रयोग नहीं किया है और बरसात बिताने के बाद और परेशानी बढ़ गई है।इससे सड़क वाहनों के चलने योग्य नहीं रह गई है। कुछ ही वर्ष में ही सड़क खस्ताहाल हो रही है। यहां करीब 3.550 कि मी लम्बी सडक जगह जगह टूट गया है। यही नहीं इसके पत्थर निकल कर वाहनों से आने जाने पर उछाल कर आने जाने वाले लोगों पर लगते है।
यह सड़क बनने के पूर्व गहरे गहरे गड्ढे से लोग परेशान थे । जब सड़क बना प्रारंभ हुआ तब लोगों को लगा कि अब भला हो जाएगा। पर किसी को नहीं पता था कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने के बाद जर्जर हो जाएगी। आलम यह है कि अब टूटी सड़क को देखने के लिए अफसरों के पास समय ही नहीं है जिम्मेदार व्यक्तियों ने भी सड़क टूटने
पर कोई कार्रवाई नहीं की।मालूम हो कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत हुए रोड का निर्माण संवेदक राजेश कुमार द्वारा कराया गया है
जिसकी प्राकृत राशि 84,90,503 रूपया है तथा 5 वर्षीय रखरखाव है।

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