दरभंगा (ब्यूरो रिपोर्ट) : जिले के पूर्व जिलाधिकारी उपेंद्र शर्मा के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने शनिवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने अपने संदेश में उन्हें मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का सच्चा हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि दरभंगा जिला की स्थापना दिवस एवं मिथिला लोक उत्सव मनाये जाने की शुरुआत करने वाले वे पहले जिलाधिकारी थे। साल 2007 में उन्होंने मिथिला के कला संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन आयोजनों की शुरुआत की थी। दरभंगा के जिलाधिकारी के रूप में अपनी उपलब्धि पूर्ण सेवा दे चुके उपेंद्र शर्मा बहुगुण संपन्न व्यक्तित्व थे।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें मिथिला-मैथिली के विकास के लिए सतत चिंतनशील रहने वाला हितचिंतक बताते कहा कि जीवन पर्यन्त वे श्यामा मंदिर के यथोचित विकास के लिए चिंतन में लगे रहे। उन्होंने कहा कि श्यामा मंदिर का न्यास समिति द्वारा अधिग्रहण इन्हीं के कार्यकाल में हुआ था और तब इनके अनेक विचारों का श्यामा भक्तों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा किया था। डा महानंद ठाकुर ने उन्हें युगद्रष्टा व त्यागी पुरुष बताया।
प्रो जीवकांत मिश्र ने उन्हें मिथिला- मैथिली का हितचिंतक बताते हुए मिथिला के सांस्कृतिक विकास में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि प्रशासनिक पद पर रहते हुए सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले उपेन्द्र शर्मा ने मिथिला से अपना नाता आजीवन जीवंत बनाये रखा।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने उन्हें मिथिला एवं मैथिली के विकास के प्रति संवेदनशील बताया। शोक संवेदना व्यक्त करने वाले अन्य लोगों में महात्मा गाँधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा, डॉ गणेश कांत झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजयकांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढा भाई, डॉ उदय कांत मिश्र, दुर्गानंद झा, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, मणिभूषण राजू, नवल किशोर झा आदि शामिल रहे।