बेतिया (ब्रजभूषण कुमार) : बिहार राज्य किसान सभा कि पश्चिमी चंपारण जिला किसान काउंसिल की बैठक राम यादव की अध्यक्षता में हुई । बैठक को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव ने बताया कि आज किसानो की हालात खराब होती जा रही है । फसल में लागत के हिसाब से किसानों को वाजिव दाम नहीं मिल रहा है । इस साल तो पश्चिम चंपारण में वर्षा की कमी के चलते धान और गन्ना के फसल को भारी नुकसान हुआ है । ऐसी स्थिति में बिहार राज्य किसान सभा लगातार मांग करता रहा है कि किसानों को फसल के हर्जाने के रूप में 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। लेकिन अभी तक बिहार सरकार उस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है ।
बिहार सरकार के द्वारा जारी डीजल अनुदान भी कुछ खास लोगों तक सीमित रह गया है । गरीबों को वासगीत जमीन नहीं मिल पा रहा है । मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को 200 दिन का काम और 600 रुपए मजदूरी पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है । आज बड़े पैमाने पर देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं । लेकिन किसानों को कृषि ऋण से मुक्त करने पर सरकार कोई पहल नहीं कर रही है । जबकि इसी साल अदाणी का 13 सौ करोड़ कर्ज मोदी सरकार ने माफ कर दिया है।
ऐसी स्थिति में बिहार राज्य किसान सभा ने निर्णय लिया है कि 26 से 28 नवंबर तक राज भवन पर होने वाले किसान महापड़ाव में हजारों की संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता शामिल होंगे । किसान सभा ने तय किया है कि हम गांव गांव जाएंगे और हर घर में किसान सभा तथा किसान सभा में हर किसान को शामिल करने का निर्णय लिया है । साथ ही किसानों के साथ लगातार धोखा करने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनकी सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में किसानों को एकजुट कर हारने का काम करेंगे । जब तक मोदी को नहीं हटाया जाएगा , तब तक देश सुरक्षित नहीं रह सकता ।
इस अवसर पर जिला सचिव हरेंद्र प्रसाद ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । जिस पर किसान सभा के शिवनाथ प्रसाद राय , नंदलाल ठाकुर , काशी साह , जंग बहादुर राव , सुनील यादव , रमाशंकर सिंह, रामायण शर्मा , शंकर दयाल गुप्ता , चंपा देवी आदि किसान नेताओं ने अपने विचारों को रखा ।
उसके बाद बैठक में किसान सभा के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य चांदसी प्रसाद यादव ने अपने विचार को रखते हुए पश्चिम चंपारण के किसानों को आह्वान किया कि बड़े पैमाने पर 27 नवंबर को राजभवन महापड़ाव में किसानों को चलना है । उन्होंने यह भी कहा कि गन्ना किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल दाम देना होगा । उन्होंने मोदी सरकार तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग किया कि गन्ना के मूल्य में केंद्र तथा राज्य सरकार बढ़ोतरी करें । तभी गन्ना की खेती जिले में हो पाएगा ।