पटना हाईकोर्ट में दायर सी डब्ल्यू जे सी याचिका में दर्ज आरोपों पर तीन माह के अंदर जांच कर कार्रवाई करने का आदेश
करीब एक साल से पूर्व महापौर के द्वारा अपर मुख्य सचिव के यहां दिया गया था आवेदन
बेतिया(ब्रजभूषण कुमार) :_नगर निगम में बीस करोड़ से भी अधिक के भ्रष्टाचार के आरोपों की बीते करीब एक साल से अनदेखी पर पटना हाईकोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है। करीब एक साल पहले से महापौर गरिमा देवी सिकारिया के द्वारा अपर मुख्य सचिव के यहां दिया गए आवेदन के गंभीर आरोपों की पूरी जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया है। यहां उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष जुलाई 2023 से ही महापौर द्वारा विभाग को आवेदन सौंप कर नगर निगम बोर्ड का चुनाव होने से पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त शंभू कुमार ने विधि मान्य व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते हुए अनेक विवादास्पद फैसले और वित्तीय नियमन के विरुद्ध अनुबंध के विरुद्ध जांच की अपील की थी। करोड़ों की खरीदारी और बिना किसी निविदा के ही करोड़ों के विकास कार्य आदि के नाम पर अनेक अनाधिकार तथा विवादास्पद निर्णय लिया था। महापौर ने दिए पत्र में कुल करीब बीस करोड़ का घपला और बंदरबांट से संबंधित पार्षद गण के दर्जनाधिक आरोपों से सहमत होकर आरोपित तत्कालीन नगर आयुक्त शंभू कुमार और उनके दोषी सहयोगियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई का अनुरोध महापौर ने किया था। नगर विकास एवम आवास विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अरुणेश चावला की सख्त आदेश पर अमान्य तरीके से चयनित आउट सोर्सिंग सफाई एजेंसी “पाथेय” का अनुबंध पूर्ववर्ती नगर आयुक्त शंभू कुमार ने ही रद्द कर दिया। वही श्री चावला का तबादला हो जाने के बाद संबंधित आरोपों जांच और दोषियों पर कार्रवाई अब तक पूरी नहीं की जा सकी है। तत्कालीन नगर आयुक्त का बीते माह तबादला भर हुआ है। इसकी जानकारी देते हुए महापौर गरिमा देवी सिकारिया बतातीं हैं कि नगर निगम की सशक्त समिति सदस्य और करोड़ों के भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनकी जारी लड़ाई में सशक्त स्थायी समिति के निर्णय के आलोक में उनके सहयोगी नगर पार्षद मनोज कुमार की याचिका सी डब्ल्यू जे सी – 17004/2024 का निष्पादन करते हुए न्यायमूर्ति नवनीत कुमार पांडेय के एकल पीठ द्वारा पारित आदेश की तिथि 12 नवंबर 2024 से तीन माह के अंदर विभागीय अपर मुख्य सचिव को सौंपे गए आवेदन में वर्णित आरोपों की अपने स्तर से जांच कर दोषियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने का आदेश पारित किया है। इस आदेश का स्वागत करते हुए महापौर गरिमा देवी सिकारिया बतातीं हैं कि हाईकोर्ट का यह आदेश भ्रष्टाचार और नगर निगम क्षेत्र की जनता जनार्दन की हकमारी और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनकी जारी लड़ाई में यह पहली जीत है। नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त और समग्र विकास का संवाहक बनाए बिना वे रुकने या झुकने वाली नहीं हैं।