–सिविल सर्जन द्वारा सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दिया गया है निर्देश
-लक्षण के अनुसार करें ठंड एवं शीतलहर ग्रसित होने की पहचान : सिविल सर्जन
-समुचित उपचार हेतु अस्पताल में सुनिश्चित किया गया है आवश्यक दवा भंडारण
-शीतलहर व ठंड से बचाव हेतु सुरक्षा उपाय का लोगों को ध्यान रखने की है जरूरत
पूर्णिया:_जिले में ठंड की स्थिति में हो रही वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठंड ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को शत प्रतिशत तैनात रहने के लिए सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया द्वारा सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है। इसके अंतर्गत सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने क्षेत्रान्तर्गत शीतलहर एवं ठंड से बचाव और इसके लक्षण से सभी लोगों को अवगत कराते हुए इससे उत्पन्न होने वाले बीमारियों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से ठंड एवं शीतलहर से सुरक्षा के लिए ध्यान रखने योग्य सुविधाओं की जानकारी जनसाधारण को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ साथ क्षेत्र में ठंड एवं शीतलहर से ग्रसित मरीजों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराते हुए संबंधित जानकारी जिला स्वास्थ्य समिति आईडीएसपी को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।
लक्षण के अनुसार करें ठंड एवं शीतलहर ग्रसित होने की पहचान : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने कहा कि जिले में ठंड और शीतलहर की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक सुविधा उपलब्ध रखने का सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में लोगों को ठंड एवं शीतलहर ग्रसित होने पर नजदीकी अस्पताल से चिकित्सकीय सहायता का लाभ उठाने के लिए जागरूक करना सुनिश्चित जाए। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान आमलोगों को लक्षण के अनुसार ठंड और शीतलहर ग्रसित होने की पहचान करते हुए चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि वर्तमान मौसम में शरीर का ठंड होना एवं इसके अंगों का सुन्न पड़ना ठंड ग्रसित होने के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा अत्यधिक कंपकपी या ठिठुरन होना, बार बार उल्टी और शौचालय होना, अत्यधिक सुस्त व थकान का होना, अर्धबेहोशी की स्थिति अथवा बेहोश होना लोगों के ठंड ग्रसित होने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देते ही संबंधित लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकीय सहायता का लाभ उठाना चाहिए। लोगों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवा भंडारण सुनिश्चित रखने का निर्देश दिया गया है। ठंड से सुरक्षा के लिए आमलोगों को भी मौसम के अनुसार आवश्यक सुरक्षित व्यवस्था के साथ ही घर से बाहर अपने दैनिक कार्य के लिए निकलना चाहिए। इससे लोग ठंड ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।
शीतलहर व ठंड से बचाव हेतु सुरक्षा उपाय का लोगों को ध्यान रखने की है जरूरत :
एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया कि शीतलहर व ठंड से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को जबतक जरूरत नहीं हो बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। ठंड में विशेष रूप से वृद्ध लोगों और बच्चों को बाहर निकलने से सुरक्षित रखना चाहिए। शरीर में ऊष्मा के प्रभाव को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। बंद घरों में जलते हुए लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करना सुनिश्चित करना चाहिए। इसका प्रयोग करने के बाद अच्छी तरह से आग का बुझना सुनिश्चित करना चाहिए। हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद सोने से पूर्व स्विच ऑफ करना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि यह जानलेवा साबित नहीं हो सके। घर से बाहर जाने पर शरीर में समुचित ऊनि एवं गर्म कपड़ों को पहन कर अपने सिर, चेहरा, हाथ एवं पैर को ठंड ग्रसित होने से सुरक्षित रखना चाहिए। उच्च रक्तचाप, मधुमेह तथा हृदय रोग से ग्रसित मरीजों को नियमित तौर से चिकित्सकीय सहायता नियमित रूप से लेना सुनिश्चित करना चाहिए। लोगों द्वारा विशेष परिस्थितियों में नजदीकी सरकारी अस्पताल से चिकित्सकीय परामर्श अथवा रोगी वाहन एम्बुलेंस की सहायता के लिए दूरभाष संख्या 102 पर संपर्क करना चाहिए।