बेतिया, पश्चिमी चंपारण (ब्रजभूषण कुमार) : गर्मियों में आग की दुर्घटना छोटी से छोटी लापरवाही से हो सकती है। आपके सहयोग से इन दुर्घटनाओं की रोकथाम की जा सकती है। उक्त बातों की गणेश शंकर विद्यार्थी, अनुमंडल अग्निशमालय प्रभारी पदाधिकारी जानकारी देते हुए बताया कि सावधानियाँ बरतें :-
झुग्गी झोपड़ी बनाने में इस्तेमाल समान जलने वाला न हो। इन्हें बनाने में प्लास्टिक ,कपड़ा, तिरपाल आदि का इस्तेमाल न करते हुए लोहे के पोल, सीमेंट या टिन की चादरें (शीट), ईट आदि का इस्तेमाल करें। आगे उन्होंने कहा कि झुग्गी के बाहर एवं अंदर मिट्टी का लेप करने से आग से बचाव किया जा सकता है। झुग्गी झोपड़ी बनाएं, इन में 3-4 मीटर की दूरी अवश्य रखें। बिजली का अनाधिकृत उपयोग न करें। अधिकृत रूप से बिजली के मीटर से कनैक्शन लें। नंगी तारों का उपयोग न करके प्लक,साकेट को इस्तेमाल करें। घर से बाहर जाते समय सभी बिजली के उपकरण बंद कर दें। अनाधिकृत सिलैण्डर का प्रयोग रोकें। अधिकृत सिलैण्डर खरीदें। इस्तेमाल के बाद रेगुलेटर बंद कर दें।
बीड़ी, सिगरेट आदि का प्रयोग न करें। जलती हुई बीड़ी, सिगरेट, माचिस, इत्यादि इधर-उधर न फेंके। इन्हें लोहे या मिट्टी के बर्तन में बुझाने के बाद डालें।
पटाखे आदि न चलायें, यह ज्वलनशील हैं और खतरनाक आग का कारण हो सकता है।
आगे उन्होंने बताया कि झुग्गी और ज्वलनशील सामान जैसे कूड़ा, प्लास्टिक, लकड़ी के टुकड़े, उपले आदि अलग-अलग रखें एवं इनमें सुरक्षित दूरी रखें। मिट्टी के तेल, स्टोव, चूल्हे का इस्तेमाल कम से कम करें। सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करें, आग लगने की संभावनाएं खत्म करें। खाना बनाने के पश्चात् चूल्हे की आग को पूर्ण रूप से बुझा दें।
सभी लोग मिलकर सुरक्षा टीम बनाएं। पानी की टंकी, मटके आदि का बंदोबस्त करें। सभी बड़ों व बच्चों को जागरूक करें। सुरक्षा टीमों में कुछ लोगों की निगरानी पर रहने के लिए गठित करें। आग लगने पर तुरंत सभी लोगों की सुरक्षित स्थान पर पहुँचने में मदद करें। आग को रोकने के लिए प्रयास करें। बच्चों, बुजुर्गों और अपाहिजों का विशेष ध्यान दें।तुरंत फायर ब्रिगेड बिहार अग्निशमन सेवा को 101 नम्बर सूचित करें। यह सेवा मुफ्त उपलब्ध है। आग की दुर्घटना देखते ही आग-आग शोर मचायें तथा सभी झोपड़ी वालों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दें।
बिजली के एच.टी. तारों के नीचे झुग्गी-झोपड़ी न बनाएं। यह खतरनाक हो सकता है।
फायर सर्विस की गाड़ी आने के लिए रास्ता रखें। गाड़ी को रास्ता दें और आग तक पहुँचने में मदद करें।आग लगने पर 101/112 डॉयल करें।