



–लक्ष्य कार्यक्रम के तहत लेबर रूम व मातृत्व ऑपरेशन थिएटर की स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा ली गई जानकारी
-लेबर रूम व मातृत्व-ओटी के लक्ष्य प्रमाणन से देखभाल की गुणवत्ता को मिलेगा लाभ
कटिहार:_स्वास्थ्य संस्थाओं में मातृत्व स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता आश्वासन मानक का मूल्यांकन के लिए 02 राज्य स्तरीय स्वास्थ्य टीम द्वारा जिले के 06 अस्पतालों के मातृत्व स्वास्थ्य सुविधा के लिए संचालित लेबर रूम और मातृत्व ऑपरेशन थिएटर का 02 दिवसीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम द्वारा अस्पताल के लेबर रूम में लाभार्थियों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली गई। एक राज्य स्तरीय टीम में शामिल अनिल कुमार अस्पताल प्रबंधक अनुमंडलीय अस्पताल बनबनखी और डॉ अनिल कुमार शर्मा डीसीक्यूए पूर्णिया द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोढ़ा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फलका के लेबर रूम (प्रसव कक्ष) और सदर अस्पताल कटिहार के लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर की जबकि दूसरे राज्य स्तरीय टीम में शामिल डॉ रूबी कुमारी, आयुष चिकित्सा अधिकारी मधेपुरा और डॉ विकास कुमार, पिरामल स्वास्थ्य द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डंडखोरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरारी और अनुमंडलीय अस्पताल मनिहारी के लेबर रूम में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली गई। जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा द्वारा कहा गया है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित रखते हुए स्वस्थ और सुरक्षित प्रसव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसके लिए संबंधित अस्पतालों के लेबर रूम को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराते हुए लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन करते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी जिसके आधार पर राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को लक्ष्य प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। कटिहार स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी मानकों में निरंतर स्वास्थ्य केंद्र को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराते हुए कटिहार को प्रगति की ओर आकर्षित किया जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता नजदीकी अस्पताल में नियमित रूप से उपलब्ध हो रहा है और लोग इसका आसानी से लाभ उठा रहे हैं।

लक्ष्य प्रमाणीकरण से अस्पताल के प्रति बढ़ेगा लोगों का भरोसा :
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि लक्ष्य कार्यक्रम के तहत अस्पताल के प्रसव कक्ष में मातृत्व एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन करते हुए उससे लोगों को मिलने वाले लाभ की जानकारी ली गई है। इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना मुख्य लक्ष्य है। जिले में प्रसव संबंधी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के प्रति जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। ग्रामीण इलाके के चिकित्सकीय संस्थानों तक बेहतर प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने पर प्रसव संबंधी सेवाओं के लिए सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा जो जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा और लोग नजदीकी लक्ष्य प्रमाणित स्वास्थ्य केंद्र से इस सुविधाओं का लाभ आसानी से उठा सकेंगे।
लेबर रूम व मातृत्व-ओटी के लक्ष्य प्रमाणन से देखभाल की गुणवत्ता को मिलेगा लाभ :
डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने कहा कि लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए राज्य स्तरीय टीम द्वारा कटिहार जिले के 06 अस्पतालों के लेबर रूम का मूल्यांकन करते हुए कक्ष में लाभार्थियों के लिए उपलब्ध सुविधा का मूल्यांकन किया गया है। टीम द्वारा अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट किया जाएगा जिसके आधार पर राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार प्रमाणीकरण जारी किया जाएगा। सभी संबंधित अस्पताल को लक्ष्य प्रमाणपत्र मिलने पर अस्पताल के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का और विकास होगा और लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता नियमित रूप से उपलब्ध हो सकेगी जिससे कि माँ और नवजात शिशुओं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ उठाते हुए स्वस्थ और सुरक्षित रह सकेंगे।

