जिले के 01 से 19 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर मनाई गई राष्ट्रीय कृमिमुक्त दिवस

 

  • – मध्य विद्यालय प्रखंड मुख्यालय पूर्णिया पूर्व के बच्चों को सिविल सर्जन द्वारा खिलाई गई, 
  • – कृमिमुक्त दिवस में छूटे हुए बच्चों को 19 मार्च को खिलाई जाएगी गोली, 
  • – जिले में 20 लाख से अधिक बच्चों को खिलायी जाएगी एल्बेंडाजोल की गोली, 

 

पूर्णिया (ब्यूरो रिपोर्ट) : ज़िले में 01 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिमुक्ति के लिए अल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृमि मुक्त दिवस कार्यक्रम मनाया गया। शुक्रवार को जिले के पूर्णिया पूर्व प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय प्रखंड मुख्यालय, पूर्णिया पूर्व में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी द्वारा विद्यालय में उपस्थित बच्चों को दवा खिलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान बच्चों को कृमि से होने वाले समस्याओं की जानकारी देते हुए सभी लोगों को साल में एक बार इसका सेवन करने की जानकारी दी गई।

इस दौरान सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी के साथ डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीआईओ डॉ विनय मोहन, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, पूर्णिया पूर्व ग्रामीण की सीडीपीओ रूपम कुमारी, पूर्णिया पूर्व शहरी सीडीपीओ लक्ष्मी कुमारी , पूर्णिया पूर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंसार, बीसीएम बरखा रानी, प्रखंड आरबीएसके अधिकारी डॉ मानिक कुमार, पिरामल जिला समन्यवक सोमेन अधिकारी, पिरामल बीसी शिवशंकर कुमार, पीएसजी पूर्णिया पूर्व के परिवार नियोजन कर्मी कमलेश कुमार, फार्मासिस्ट सुमन कुमार सहित विद्यालय शिक्षक और बच्चे उपस्थित रहे।

कृमि संक्रमण से होने वाली विभिन्न परेशानियों से सुरक्षित रखेगा अल्बेंडाजोल :

कार्यक्रम में बच्चों को सम्बोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि बच्चों में कृमि के संक्रमण से विभिन्न तरह की परेशानियाँ हो सकती हैं जैसे शारीरिक वृद्धि में रुकावट, कमजोरी, भूख एवं एकाग्रता में कमी, खून की कमी (एनीमिया), थकान आदि। इन सभी परेशानियों को कृमि नियंत्रण की दवाई अल्बेंडाजोल खाकर ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह एक सुरक्षित दवा है। हर साल 15 मार्च को राष्ट्रीय कृमिमुक्त दिवस के दौरान बच्चों को इसका सेवन सुनिश्चित करवाया जाता है। इसके लिए जिले के सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित 01 से 19 वर्ष के बच्चों को दवाई खिलाई जाती है। इसमें छूटे हुए बच्चों को भी दवाई खिलाने के लिए 19 मार्च को विद्यालय में ही मॉपअप राउंड चलाया जाएगा। सिविल सर्जन ने सभी बच्चों को कृमिमुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल का सेवन करने और छूटे हुए बच्चों को भी इसके लिए जागरूक करने की अपील की गई।

सुरक्षित एवं उपयोगी दवा है अल्बेंडाजोल :

डीपीएम सुरेंद्र कुमार दास ने बताया कि कृमि नाशक दवा अल्बेंडाजोल बेहद सुरक्षित व उपयोगी दवा है जो 1 से 19 साल के सभी बच्चों को खिलायी जानी है। 1-5 साल के बच्चों को यह दवाई आंगनबाड़ी केंद्र एवं 6-19 साल के बच्चों को यह दवा स्कूलों में खिलाई जायेगी। स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को संबंधित क्षेत्र की आशा व आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से उनके घरों में ही दवा सेवन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को शिक्षकों द्वारा अपने सामने ही बच्चों को दवा का सेवन कराया जा रहा है जिससे कि कोई भी बच्चा दवा सेवन से वंचित न रह सके।

जिले में 20 लाख से अधिक बच्चों को खिलायी जाएगी अल्बेंडाजोल की गोली :

डीसीएम संजय कुमार दिनकर ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान जिले के 20 लाख 06 हजार 657 बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के शत प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय सहित सभी तकनीकी संस्थाओं (पॉलटेक्टिक, आईटीआई आदि), गैर तकनीकी संस्थाओं एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित शिक्षकों द्वारा बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी। इसके साथ ही निजी कोचिंग संस्थानों में भी भ्रमण कर दवा से वंचित बच्चों को सेवन कराया जाएगा।

छोटे बच्चों को आधी और बड़े बच्चों को खिलाई जा रही पूरी गोली :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ विनय मोहन ने बताया कि राष्ट्रीय कृमिमुक्त दिवस पर बच्चों को उम्र और परिस्थितियों के अनुसार एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जा रही है। 01 से 02 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली चुरा बनाकर पानी में मिलाकर खिलाया जा रहा है। 02 वर्ष से 03 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की एक गोली चुरा बनाकर पानी में मिलाकर खिलाया जा रहा है। 03 वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की एक गोली चबाकर पानी के साथ खिलाया जा रहा है। बिना चुरा किए चबाकर खाए गए एल्बेंडाजोल की गोली का प्रभाव ज्यादा होता है। इसलिए बड़े बच्चों को दवाई चबाकर कहते हुए पानी सेवन करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 01 वर्ष से 19 वर्ष तक के ऐसे बच्चे जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने के तकलीफ या कोई और बीमारी के लक्षण होंगे उन्हें कृमिनाशक दवा का सेवन नहीं कराई जा रही है। पूर्व से भी किसी प्रकार के दवा का सेवन करने वाले बच्चों को भी दवा सेवन नहीं कराई जा रही है।

कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए ध्यान रखें कि :
-आसपास सफाई रखें
-घर के बाहर जूते पहनकर निकलें
-खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का उपयोग करें
-अपने हाथ साबुन से धोएं, विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद
-स्वच्छ पानी से फल और सब्जियां धोएं
-हमेशा स्वच्छ पानी पिएं और पानी को ढक कर रखें
-नाखून साफ और छोटे रखें

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