जिसे जेल भेजना है उसे छोड़ देती है और जिसे छोड़ना चाहिए उसे जेल भेजने की करती है प्रयास,
क्या ऐसी प्रशासन से लोगों की है आश,
प्रशासन के पास जाने पर जनता हो जाती निराश,
बेतिया, पश्चिमी चंपारण (ब्रजभूषण कुमार) : एक बार फिर एक पीड़ित राजेश कुमार को लेकर बेतिया मुफ्फसिल थाना पुलिस न्यायालय के घेरे में, न्यायलय ने पीड़ित को जेल भेजने से किया मना और पुलिस को ही सुनाया। जिस कांड में पुलिस भेज रही थी जेल उस कांड में पीड़ित दो साल पूर्व ही जमानत करा लिया था। जिसपर बेतिया न्यायालय ने सख्त रुख कर पुलिस को लगाई फटकार।
गिरफ्तारी और जेल भेजने का मामला यह है कि पीड़ित ने अपने दाखिल खारिज को लेकर अंचलाधिकारी और दो डाटा आपरेटरों पर न्यायलय में परिवाद दायर किया है जिसको लेकर जिलाधिकारी को जांच का आदेश न्यायालय ने दिया है। वहीं पटना उच्च न्यायालय ने दाखिल खारिज करने का भी आदेश दिया है। अब चूंकि मामला न्यायालय में आ गया तो अंचलाधिकारी के कहने पर मुफ्फसिल थाना पीड़ित को रात में गिरफ्तार कर परिवाद सुलह करने का दबाव बना रहे थे, पर जब पीड़ित राजेश कुमार नहीं माने तब उन्हें काफी मेहनत कर पुराने किसी वारंट में जेल भेजा गया जिसमें वो पूर्व से ही जमानत पर थे।
विदित हो कि बैरिया थाना से भी ऐसा एक प्रयास हुआ था जिसमें न्यायालय ने पीड़ित को छोड़ने और जीएमसीएच में भर्ती करने का आदेश दिया था।