पटना में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग को किया गया सम्मानित
वर्ष 2024 में जिले में बहुत कम मरीज पाए गए कालाजार संक्रमित, सभी को उपलब्ध कराई गई चिकित्सकीय सहायता
पूर्णिया:_कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम में बेहतर कार्य क्रियान्वयन के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्णिया जिले को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय द्वारा पुरस्कृत किया गया है। मंगलवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पटना में आयोजित राज्य कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल, जिला भीबीडी कन्सल्टेंट सोनिया मंडल और सहयोगी संस्था पिरामल स्वास्थ्य के जिला लीड चंदन कुमार को राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि हमारा उद्देश्य बिहार राज्य में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को शत-प्रतिशत तक सफल बनाने का है। इसमें पूर्णिया जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी वेक्टर बोर्न डिजीज कर्मी और सहयोगी संस्था पिरामल स्वास्थ्य के बेहतर प्रयास के कारण पूर्णिया जिले में पिछले एक साल में बहुत कम लोग कालाजार से संक्रमित पाए गए हैं। संक्रमित मरीजों को भी जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बहुत जल्द चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए संक्रमण से सुरक्षित किया जा रहा है। इस प्रयास से जिले में कालाजार संक्रमण में कमी आई है और पूर्णिया जिले कालाजार उन्मूलन के लिए तैयार हो रहा है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग प्रसन्नता का पात्र है। सभी सुविधा को आगे भी जारी रखते हुए पूर्णिया जिले द्वारा कालाजार संक्रमण से लोगों को सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए जिससे कि पूर्णिया और राज्य कालाजार उन्मूलन में सफल हो सके।
वर्ष 2024 में जिले में बहुत कम मरीज पाए गए कालाजार संक्रमित :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा लोगों को जागरूक करते हुए लक्षण के अनुसार संक्रमित मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के कारण पूर्णिया जिले में कालाजार संक्रमण में कमी आ रही है। इसके लिए जिले के सभी प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को कालाजार के लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी अस्पताल में जांच और उपचार सुविधा का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया गया है। इससे लोगों में कालाजार से सुरक्षा का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है और लोग कालाजार से सुरक्षित रहते हैं। डॉ. मंडल ने बताया कि बहुत दिनों से लगातार बुखार होने पर (भीएल) संबंधित व्यक्ति कालाजार से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा पहले से कालाजार संक्रमण का उपचार कराने के बाद भी शरीर के चमड़ों में दाग या चिकत्ता होने पर मरीज पीकेडीएल कालाजार से ग्रसित पाए जा सकते हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर संबंधित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल में जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसमें कालाजार संक्रमित पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित मरीजों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इससे संबंधित व्यक्ति बहुत जल्द कालाजार से सुरक्षित हो जाते हैं। संक्रमित व्यक्ति पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्र में छिड़काव करवाया जाता है जिससे कि क्षेत्र के अन्य लोग संबंधित बीमारी से सुरक्षित रहते हैं। जागरूकता अभियान और चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने से जिले में कालाजार संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। वर्ष 2024 में पूर्णिया जिले में सिर्फ 20 मरीज कालाजार संक्रमित पाए गए हैं। इसमें 08 भीएल और 12 पीकेडीएल मरीज उपलब्ध हुए जिन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए स्वास्थ्य किया गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगे भी कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम विशेष रूप से जारी रखा जाएगा ताकि सभी लोग कालाजार संक्रमित होने से सुरक्षित रह सके।
कालाजार संक्रमित मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है सहायता राशि :
जिला भीबीडी कन्सल्टेंट सोनिया मंडल ने कहा कि लक्षण दिखाई देने पर संबंधित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल से जांच और उपचार सुविधा का लाभ उठाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित मरीजों को आवश्यक सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। अस्पताल से उपचार कराने पर भीएल मरीजों को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में मुख्यमंत्री सहायता कोष से 6600 रुपये और भारत सरकार की ओर से 500 रुपये की सहयोग राशि सीधे मरीजों के बैंक खाते में उपलब्ध कराई जाती है। एक बार कालाजार का उपचार के बाद भी संबंधित मरीज के शरीर के चमड़ों में दाग या चिकत्ता होने पर संबंधित मरीजों कालाजार के पीकेडीएल की श्रेणी में रखा जाता है। इससे ग्रसित मरीजों को भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पीकेडीएल ग्रसित मरीजों को भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में भारत सरकार की ओर से 4000 रुपए की सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। इससे मरीजों को आर्थिक सहयोग उपलब्ध होता है और संबंधित क्षेत्र कालाजार उन्मूलन और सुरक्षित हो जाता है।
सहयोगी संस्था द्वारा लोगों को किया जाता है जागरूक :
पिरामल स्वास्थ्य के जिला लीड चंदन कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्र को कालाजार उन्मूलन करने में पिरामल स्वास्थ्य द्वारा आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए सभी प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने में सहयोग किया जाता है जिससे कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा समुदाय स्तर पर शुरुआत में ही कालाजार ग्रसित मरीजों की पहचान सुनिश्चित करते हुए उन्हें नजदीकी अस्पताल से चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इससे संबंधित मरीजों को बहुत जल्द कालाजार से सुरक्षित किया जाता है और लोग कालाजार के विकराल ग्रसित होने से स्वास्थ्य रहते हैं।