–02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को दवा सेवन करने का दिया गया संदेश
-जिले के 40 लाख 77 हजार लोगों को खिलाया जाएगा फाइलेरिया से सुरक्षा का दवा
-उम्र के अनुसार लोगों को खिलाया जाएगा फाइलेरिया सुरक्षा की दवा
-फाइलेरिया ग्रसित होने पर जीवन में होने वाले तकलीफ मीडिया से साझा किए फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर्स
पूर्णिया (ब्रजभूषण कुमार) :_फाइलेरिया संक्रमण से लोगों को सुरक्षित रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 अगस्त से जिले के सभी प्रखंडों में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) चलाया जाएगा। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सिविल सर्जन कार्यालय राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सभी मीडिया कर्मियों को एमडीए कार्यक्रम के लिए जिले के सभी लोगों को जागरूक करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति में फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवा सेवन करने की जानकारी दी गई। इस दौरान एसीएमओ सह जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल, भीडीसीओ रवि नंदन सिंह, डीभीबीडी सोनिया मंडल, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, पिरामल स्वास्थ्य जिला लीड चंदन कुमार, पीसीआई डीसी विपिन कुमार, सीफार एडीसी अमन कुमार, बीसी दीप सेन सहित फाइलेरिया से ग्रसित मरीज जिनके द्वारा नेटवर्क मेंबर के रूप में अन्य लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जाता है और विभिन्न मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।
एमडीए कार्यक्रम में फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए लोगों को खिलाया जाएगा 03 प्रकार की दवाएं : _
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 10 अगस्त से जिले के सभी प्रखंडों में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसकी जानकारी लोगों तक आसानी से पहुंचाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया द्वारा ज्यादा से ज्यादा लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए एमडीए कार्यक्रम के दौरान विभिन्न आयुवर्ग के लोगों को उम्र के अनुसार दवाओं का डोज लेने के लिए जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एमडीए कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को 03 प्रकार के दवाओं का सेवन करवाया जाएगा। इसमें एल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमेक्टिन की दवा शामिल है जो लोगों को उम्र और लंबाई के आधार पर खिलाया जाएगा। फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को खिलाया जाएगा। गर्भवती महिला और गंभीर रूप से बीमार लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा नहीं खिलाई जाएगी। लोगों को सभी डोज के अनुसार दवा खिलाने के लिए सभी प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। कर्मियों द्वारा लोगों को अपनी उपस्थिति में ही फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवा खिलाया जाएगा। सभी लोगों को इसका लाभ उठाते हुए दवा का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि वे अपने जीवन में कभी फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकें।
जिले के 40 लाख 77 हजार लोगों को खिलाया जाएगा फाइलेरिया से सुरक्षा का दवा :_
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 अगस्त से अगले 14 दिन जिले के सभी प्रखंडों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर पहुँचकर दवा खिलाया जाएगा। कार्यक्रम में जिले के 40 लाख 77 हजार 680 लोगों को एल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवेरमेक्टिन की दवाई उम्र के अनुसार खिलाई जाएगी। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में 01 हजार 844 टीम बनाया गया है। सभी टीम में 02 स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहेंगे जिसके द्वारा लोगों को अपनी उपस्थिति में दवा खिलाने के बाद संबंधित घर के लाभार्थी लोगों को रजिस्टर में जानकारी दर्ज किया जाएगा। टीम के निरक्षण के लिए सभी प्रखंडों में 180 सुपरवाइजर नियुक्त किये गए हैं। 14 दिनों के बाद भी छूटे हुए लोगों को चिन्हित करते हुए दवा सेवन करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्र में 03 दिवसीय बूथ लगाया जाएगा ताकि सभी लोगों को दवा खिलाते हुए उन्हें फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित किया जा सके। एमडीए कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी प्रखंडों में लाभार्थियों के उपस्थिति के अनुसार कुल 40 लाख 77 हजार 680 एल्बेंडाजोल, 01 करोड़ 01 लाख 94 हजार 200 डीईसी और 01 करोड़ 01 लाख 94 हजार 200 आइवेरमेक्टिन की गोलियां उपलब्ध कराई जा चुकी है।
उम्र के अनुसार लोगों को खिलाया जाएगा फाइलेरिया सुरक्षा की दवा :_
भीडीसीओ रवि नंदन सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को उम्र के अनुसार फाइलेरिया से सुरक्षा का दवा खिलाया जाएगा। इसमें 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली खिलाई जाएगी। 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को एल्बेंडाजोल की 01 गोली ही खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल की गोली लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही चबाकर खाना है। वहीं आइवरमेक्टिन की गोली 05 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लंबाई के अनुसार खिलाई जाएगी। 90-119 सेंटीमीटर के लोगों को 01 गोली, 120-140 सेंटीमीटर के लोगों को 02 गोली, 141-158 सेंटीमीटर के लोगों को 03 गोली तथा 159 सेंटीमीटर से अधिक लंबाई वाले लोगों को 04 गोली खिलाई जाएगी। आइवरमेक्टिन की गोली खिलाने हेतु लंबाई मापने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को फीता दिया गया है। सभी गोली लाभार्थियों को स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाया जाना है।
फाइलेरिया ग्रसित होने पर जीवन में होने वाले तकलीफ मीडिया से साझा किए फाइलेरिया नेटवर्क मेंबर्स :_
मीडिया कार्यशाला में फाइलेरिया से ग्रसित नेटवर्क मेंबर द्वारा फाइलेरिया का शिकार होने के बाद अपने जीवन में होने वाले समस्याओं को साझा किया। नेटवर्क मेंबर छोटू ने बताया कि 15 वर्ष पहले मैं फाइलेरिया का शिकार हो गया था। शुरुआत में पैर के सूजन को मैंने सामान्य बीमारी की तरह लिया लेकिन धीरे-धीरे सूजन बढ़ने पर मैंने डॉक्टर को दिखाया तो जानकारी मिला कि मुझे फाइलेरिया हो गया है जिसका कोई इलाज नहीं है। डॉक्टर ने सूजन नियंत्रित करने के लिए दवाइयां दी जिसके लगातार उपयोग नहीं करने के कारण मेरे दोनों पैर में सूजन बढ़ने लगा। ज्यादा सूजन होने से चमड़ा फटने भी लगा जिससे पैर में घाव बढ़ता रहा जहां से पानी निकलने लगा। अस्पताल में दिखने के बाद हमें कुछ महलम और एमएमडीपी किट्स दिया गया जिसके माध्यम से फाइलेरिया ग्रसित पैर की नियमित सफाई और एक्सरसाइज करने से फाइलेरिया को और अधिक बढ़ने से रोक रखा है। अन्य लोगों को ऐसी स्थिति नहीं हो इसके लिए सभी लोगों को दवा सेवन जरूर करना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य जानकारी:
– खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
– दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाना आवश्यक है।
– अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाना है।
– फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नही होने देना चाहिए।
– सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।