आत्मनिर्भरता का प्रतीक है गांधी का चरखा : कुलपति

 

गांधी के विचार सर्वदा अनुकरणीय :_ डॉ तिवारी

संस्कृत विश्वविद्यालय में युवा प्रेरणा पक्ष का हुआ समापन

दरभंगा:_कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के युवा चेतना मंच के तत्त्वावधान में शहीद दिवस के अवसर पर दरबार हॉल में गुरुवार को आयोजित युवा प्रेरणा पक्ष के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय चरखा ने समाज को न सिर्फ जोड़ा बल्कि जीवनयापन में भी सहायक बना रहा। सभी व्यवस्थाएं पूंजीवादी अंग्रेजों के हाथ थी। औद्योगिक हलचल भी उसी के इशारे पर नियंत्रित होती थी। यही कारण रहा कि बापू ने आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए चरखा का सहारा लिया और इस तरह चरखा आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर कुलपति की अगुआई में दो मिनट का मौन धारण कर सभी ने बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी क्रम में कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर समेत अपने आस पास स्वच्छता रखने पर विशेष बल दिया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में स्थानीय सीएम आर्ट कॉलेज के राजनीतिक विज्ञान के प्रध्यापक डॉ आलोक रंजन तिवारी ने कहा कि गांधी दर्शन व विचार सर्वकालिक हैं। यह आध्यात्मिक विकास के लिए भी अनुकरणीय है। युवाओं को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। वहीं, व्याकरण विभाग अध्यक्ष प्रो दयनाथ झा ने बताया कि युवा शक्ति के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है ।शोध छात्र राजेश कुमार ने महात्मा गांधी के चरित्र को अपना आदर्श बनाने के लिए सभी छात्रों को जागृत किया । सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस युवा चेतना मंच के अध्यक्ष महारानी अधिरानी रमेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय प्रधानाचार्य डॉ दिनेश कुमार झा ने भी शहीद दिवस की प्रसंगिकताओं को रेखांकित किया। स्वागत भाषण अंग्रेजी विभाग के सह आचार्य डॉ पवन कुमार झा जी ने दिया । संपूर्ण प्रेरणा पक्ष का प्रतिवेदन एवं मंच संचालन युवा चेतना मंच के संयोजक डॉ सुधीर कुमार के जिम्मे रहा।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी एवं स्नातकोत्तर एवं शिक्षा शास्त्र विभागों के छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहे ।

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