




–विभिन्न गतिविधियों द्वारा लोगों को शिशु एवं गर्भवती महिलाओं के कुपोषण मुक्त रखने की दी गई जानकारी
-पोषण मुक्त समाज के लिए आईसीडीएस द्वारा पोषण पखवाड़े का किया जाता है आयोजन

-राज्य स्तर पर पोषण पखवाड़े में विभिन्न गतिविधियों द्वारा लोगों को जागरूक करने में पूर्णिया पहले स्थान पर

-पूरे पखवाड़े के दौरान जिले में 100 प्रतिशत गतिविधियों का हुआ आयोजन
पूर्णिया:_स
विभिन्न गतिविधियों द्वारा लोगों को शिशु एवं गर्भवती महिलाओं के कुपोषण मुक्त रखने की दी गई जानकारी :
आईसीडीएस डीपीओ डेजी रानी ने बताया कि पोषण पखवाड़े में आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर समाज में लोगों को गर्भवती महिला और बच्चों के कुपोषण जनित रोग एवं उससे सुरक्षित रहने के लिए ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी गई है। लोगों को बताया गया कि गर्भावस्था के दौरान महिला को और जन्म के बाद नवजात शिशु को सही पोषण नहीं मिलने पर माँ और बच्चा कुपोषित हो सकते हैं। गर्भवती महिला और शिशु के सही पोषण की शुरुआत महिलाओं के गर्भावस्था से ही शुरू हो जाती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को आवश्यक पोषण युक्त भोजन का उपयोग करते हुए नवजात शिशु को जन्म से पूर्व सुपोषित रखने का ध्यान रखना चाहिए। जन्म के बाद नवजात शिशु को छः माह तक सिर्फ माँ का दूध और छः माह के बाद अतिरिक्त पौष्टिक आहार का सेवन कराना चाहिए। इससे गर्भवती महिला और शिशु स्वस्थ और सुरक्षित रहते हैं। छः माह बाद बच्चों को सुपोषित रखने के लिए बच्चों को मोटे अनाज के उपयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए। सभी बच्चों को समय-समय पर मौसमी फल-सब्जियों का उपयोग करना चाहिए। इससे बच्चों को पर्याप्त पोषण की प्राप्ति होती है और माँ एवं बच्चे स्वस्थ एवं तंदुरुस्त रहते हैं।
पोषण मुक्त समाज के लिए आईसीडीएस द्वारा पोषण पखवाड़े का किया जाता है आयोजन :
राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को कुपोषण से सुरक्षित रखने के लिए आईसीडीएस द्वारा हर साल एक बार पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। इस दौरान आंगनवाड़ी केंद्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर उपस्थित लोगों को गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक पोषण उपयोग करने की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़े में लोगों को गर्भवती महिला और शिशुओं को स्वस्थ रखने के लिए मोटे अनाजों के इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया है। मोठे अनाजों में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्त्व शामिल होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के आहार में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। पखवाड़े का आयोजन कर लोगों को गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को सही पोषण उपयोग कर स्वस्थ रहने के लिए जागरूक किया गया है जिससे कि बच्चों को सही पोषण मिल सके और वे बिल्कुल स्वस्थ रह सकें।
राज्य स्तर पर पोषण पखवाड़े में विभिन्न गतिविधियों द्वारा लोगों को जागरूक करने में पूर्णिया पहले स्थान पर :
राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को आवश्यक पोषण का उपयोग करते हुए सुपोषित रखने के लिए आईसीडीएस द्वारा 08 अप्रैल से 22 अप्रैल तक राष्ट्रीय पोषण अभियान का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर उपस्थित लोगों को गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के सही पोषण उपयोग करते की जानकारी दी गई। पखवाड़े के दौरान जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में सेविकाओं, सहायिकाओं द्वारा प्रतिदिन 05 गतिविधियों का आयोजन कर उपस्थित लोगों को गर्भवती महिलाओं और बच्चों के सही पोषण उपयोग करने की जानकारी दी गई। पूरे पखवाड़े में सेविकाओं द्वारा ज्यादा गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक करने में पूर्णिया जिला राज्य में पहले स्थान पर रहा। राष्ट्रीय पोषण पखवाड़े के दौरान 19 अप्रैल तक पूर्णिया जिले के सभी 03 हजार 438 आंगनवाड़ी केंद्रों में कुल 02 लाख 07 हजार 614 गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण युक्त पदार्थों का उपयोग करने के लिए जागरूक किया गया है जो आईसीडीएस द्वारा जारी लक्ष्य का 100% है। पोषण पखवाड़े के दौरान जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में सेविकाओं, सहायिकाओं द्वारा प्रतिदिन 05 गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य रहने के लिए आवश्यक पोषण का उपयोग करते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षित रखने के प्रति जागरूक किया गया है।

