अवैध नजराना को लेकर भूमि सुधार उप समाहर्ता को सौपा आवेदन

 

मामला अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज में उगाही का, 

दाखिल खारिज कराना हुआ बालू से तेल निकालने के बराबर, 

 

बेतिया, प० चम्पारण (ब्रजभूषण कुमार) :  दाखिल खारिज वाद संख्या-1987/2023-2024 में अवैध उगाही को लेकर देवराज कुमार पिता स्व० सुरेश राउत साकिन मोहल्लाह जगजीवन नगर नियर भोला एम० पी० चौक थाना नगर बेतिया वार्ड न० 18 निवासी भूमि उपसंहार तक को आवेदन देकर बताया है कि दाखिल खारिज वाद संख्या 1987/2023-2024 दिनांक 19-07-2023 को ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किया परन्तु आज तक दाखिल खारिज नहीं हो सका। जाँच पड़ताल करने पर पता चला की राजस्व कर्मचारी विजय कुमार ने दिनांक 29-12-2023 को रिपोर्ट संलग्न कर बेतिया RO को अग्रसित किया लेकिन अभी तक RO महोदय ने उस आवेदन पर कार्य नहीं किया है। गहन पड़ताल की तो पता चला की मेरे बाद के आवेदन जिनका वाद संख्या – 1991/2023- 24, 2100/2023-24, 3740/2023-24 एवं 3744/2023-24 है को RO महोदय एवं co के द्वारा दाखिल खारिच कर दी गई है। जब में इस विषय पर पूछताछ की तो बताया गया की ऑपरेटर के पास जाइये में जब ऑपरेटर के पास गया तो मुझे ऑफिस के बाद शाम को आने के लिए बोला गया। जब मैं शाम को गया तो उनसे नहीं मिल पाया तथा उनके मोबाइल न० 9006016561 पर फोन करने पर उन्होंने मुझे कहा की अगर आप दाखिल खारिच कराना चाहते है तो एक लाख पचास हजार देना होगा मुझे (ऑपरेटर) RO को पचास हजार co को एक लाख रुपया देना पड़ेगा तब आपका दाखिल खारिज होगा (इस वार्तालाप की रिकॉर्डिंग मेरे पास मौजूद है समय पर मैं उपलब्ध करा दूंगा) अन्यथा आप कार्यालय का चक्कर काटते रहिये और आप कहीं भी जाइये, कम्प्लेन करिये, मुझे सबको पैसा देना है मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं गरीब मेहतर भंगी जाती का आदमी हूँ मेरे पास इतना पैसा नहीं है की में इनको रिश्वत देकर कराऊँ।

विदित हो कि दाखिल खारिज कानून के हिसाब से (नियम के पृष्ठ कि छापाप्रति संलग्न पेज न० 28 कॉलम 11) कर्मचारी द्वारा प्रपत्र ।।। समर्पित करने के 3 कार्य दिवस के भीतर १० को उस वाद पर कार्यवाही कर प्रपत्र xi।। में प्रतिवेदन अंचलधिकारी को समर्पित करेंगे जो आज तक नहीं हुआ और फीफा सिस्टम (पहले आवो पहले पावो) का प्रावधान है के बावजूद मेरे वाद को स्किप कर के अन्य वाद पर कार्य किया जा रहा है। जो अवैध उगाही का साक्षात प्रमाण है।

ज्ञात हो कि भूमि सुधार उप समहर्ता महोदय का वाद संख्या 20/1997-98 बनाम प्रेमभूषण संधारित कर सुनवाई की जिसमे जामबन्दी 7 को वैध माना है, स्पष्ट आदेश के बावजूद वर्तमान अंचलधिकारी बेतिया को (ऑपरेटर) के द्वारा भ्रमित कर अंचलधिकारी बेतिया के नाम पर अवैध उगाही की जा रही है।
विदित हो कि कल -03-07-2024 को मैं जब उनसे पुनः मिलाने गया तो बोले की आप छह बजे आइये आलोक भारती चौक पर मैं जब छह बजे शाम को पहुंचा तो वो आग बबूला हो गए और मेरा कॉलर पकड़ कर बोले की डोम मेहतर भंगी गाली देते हुए मेरे अंडकोष प्रहार किया तो वहां के स्थानीय लोगो ने मुझे बचाया। अजय दिए गए आवेदन में बताया है कि अपने स्तर से जाँच पड़ताल कर उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए ऑपरेटर ने अंचल के मान मर्यादा को धुलित करते हुए वर्त्तमान अंचलाधिकारी को बदनाम करने की बहुत बड़ी साजिश की जा रही है उस पर कार्रवाई करने की कृपा की जाय ताकि मेरे वाद का उत्तराधिकार दाखिल खारिच हो सके। उक्त संदर्भ में ऑपरेटर ने बताया कि मामला निराधार एवं बेबूनीयाद।

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