अनुसंधान में किए गए लिपा पोती का मामला पहुंचा पुलिस अधीक्षक के जनता दरबार।

आवेदक ने लगाई कार्रवाई की गुहार। 

 

मामला थाना शिकारपुर कांड संख्या 178/24 के अनुसंधानकर्ता का।

 

बेतिया, पश्चिमी चंपारण, बिहार:_अनुसंधानकर्ता द्वारा बगैर सूचक को सूचित किये प्राथमिकी नामजद अभियुक्तों के मेल में आकर किसी दुसरे मोबाईल नं० का टावर लोकेशन निकालकर साजिस के तहत केस खत्म कर देने के मामले को लेकर अवधेश यादव, पिता-हरेन्द्र यादव, साकिन-इनरवा, वार्ड नं0-09, पो० डी० के० शिकारपुर, थाना-शिकारपुर, जिला-प० चम्पारण पुलिस अधीक्षक बिटिया को आवेदन देकर की कार्रवाई की मांग दिए गए आवेदन में विषयांकित काण्ड का सूचक/पिडित विकलांग व्यक्ति है। इस काण्ड के अनुसंधान व पर्यवेक्षण के सम्बंध में निम्नलिखित बिन्दुओं की ओर आवेदक ने कहा है कि इस घटना का निष्पक्ष जाँच कराने के लिय मेरे द्वारा अनेको आवेदन वरिय व स्थानीय पुलिस पदाधिकारीयों को साक्ष्य सहित / सूचक व गवाहों के शपथ पत्र सहित दिया गया, लेकिन स्थानीय पुलिस पदाधिकारी, सम्बंधित पर्यवेक्षण पदाधिकारी व अनुसंधानकर्ता के द्वारा निष्पक्ष जाँच, अनुसंधान व पर्यवेक्षण करने बजाय नामजद अभियुक्तों के मेल में आकर तथा प्रभावित होकर इस काण्ड का लिपा-पोती करने व खत्म करने का असफल प्रयास किया गया है। आगे आवदकने बताया है कि स्थानीय पुलिस पदाधिकारी द्वारा निष्पक्ष जाँच नहीं कराने के कारण पटना न्यायालय के समक्ष क्रिमिल रिट याचिका CR.WJC.NO-1276/2024 है। उक्त क्रिमिल रिट में न्यायालय के ओदश पर काउंटर एफिडेविट फाईल किया गया। उक्त काउंटर एफिडेविट में तथा संलग्न अनुलग्नको में अनेको त्रुटियाँ व गलत तथ्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसलिय आवेदक की ओर से एफिडेविट भी न्यायालय के समक्ष फाईल किया गया है। उक्त क्रिमिल रिट याचिका फाईनल बहस के लिय पटना उच्च न्यायालय के समक्ष लम्बित है।

यह कि दिनांक 26.07.2024 को स्थानीय / सम्बंधित पुलिस पदाधिकारीयों को आवेदन देकर इस घटना में उपयोग किय गय मोबाईल नं0-9006685534 का टावर लोकेसन, कॉल डिटेल इत्यादि निकालने तथा जाँच कर काण्ड दैनिकी में अंकित करने का आग्रह किया गया, लेकिन स्थानीय पुलिस अभियुक्तों के मेल में आकर उक्त मोबाइल नं० का जाँच कराना जरूरी नहीं समझी तो मेरे द्वारा दिनांक 02.10.2024 को आरटीआई के तहत एसडीपीओ के समक्ष आवेदन दिया गया, लेकिन मुझे आधा-अधुरा सूचना दिया गया। मैं अनुसंधानकर्ता, थानाध्यक्ष व एसडीपीओ के कार्यालय में न्याय के लिय चक्कर लगाता रहा, लेकिन ये तीनो पदाधिकारी अभियुक्तों से इतने प्रभावित व मेल में हैं कि मेरा कुछ भी सुनने व निष्पक्ष जाँच करने के लिय तैयार नहीं है। पुनः मेरे द्वारा आरटीआई के तहत दिनांक-24.02.2025 को एसडीपीओ साहब को आवेदन देकर पूर्ण सूचना/सी०डी०आर० व टॉवर लोकेसन उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया। उक्त आवेदन के आलोक में एसडीपीओ द्वारा ज्ञापांक-816/2025 दिनांक-23.03.2025 के माध्यम से मुझे सूचना उपलब्ध करायी गई तथा स.ई सह अनुसंधानकर्ता रामईकबाल पासवान द्वारा दिनांक-26.03.2025 को एसडीपीओ को एक प्रतिवेदन समर्पित किया गया, जिसका नं0- डीआर492/25 है।

रामईकबाल पासवान, द्वारा दिनांक-26.03.2023 को निर्गत प्रतिवेदन में स्पष्ट अंकित है कि मोबाईल नं0-9006685534 का धारक का नाम कैलाश यादव (विषयांकित काण्ड का नामजद अभियुक्त) है तथा सी०डी०आर० के अवलोकन में अनुसंधानकर्ता द्वारा पाया तथा अंकित किया गया कि मोबाईल नं0-90085534 के धारक के घर के आस पास (होम सर्किल) बताया गया है (जो विषयांकित काण्ड का घटना है), जिसका दिनांक-17.03.2024 से 18.03.2024 तक टावर लोकेसन सुकदेव भगत, पिता-स्व० भुटेली भगत, सा०-बरई टोला, खाता नं0-364, प्लॉट नं0-59, पो० डी० के० शिकारपुर, थाना-शिकारपत्रु, जिला-प० चम्पारण है।

 

विदित्त हो कि CR.WJC.NO-1276/2024 में पटना उच्च न्यायालय में श्रीमान् की ओर से फाईल किय गय काउंटर एफिडेविट के अवलोकन से स्पष्ट है कि नामजद अभियुक्त मधु यादव का मोबाईल नं0-6202326817 है तथा नामजद अभियुक्त कैलाश यादव के मोबाईल नं० से नामजद अभियुक्त मधु यादव के मोबाईल नं० पर घटना के दिन (दिनांक 17.03.2024), घटना के पूर्व व घटना के बाद लगातार अनेको बार बात हुत हुई है।

उन्होंने ने बताया है कि आरटीआई के तहत पत्रांक-816/25 दिनांक-23.03.2025 के माध्यम एसडीपीओ, नरकटियागंज द्वारा उपलब्ध करायी गई सूचना (सी०डी०आर० व टॉवर लोकेसन) एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा समर्पित प्रतिवेदन दिनांक-26.03.2025. डीआर492/25 के अवलोकन व विशलेषण से स्पष्ट प्रमाणित होता है कि नामजद अभियुक्त कैलाश यादव के मोबाईल नं० का घटना में इस्तेमाल हुआ है. कैलाश यादव घटना स्थल पर मौजूद है तथा नामजद अभियुक्त मधु यादव भी घटना में सामिल है।

 

चुकि अभियुक्तगण शातिर, चतुर व अपराधी प्रवृत्ति के है और सोची-समझी साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया है तथा अनुसंधानकर्ता व पर्यवेक्षण पदाधिकारी को मेल में लेकर व प्रभावित कर-कर विषयांकित काण्ड की लिपा-पोती किया जा रहा है। आग्रह है कि नामजद अभियुक्तो के विरूद्ध पुनः गहन जाँच करा कर गिरफतार कराने, घटना में उपयोग किय गय मोबाईल नं0 9006685534 का टावर लोकेसन व सी०डी०आर० का विशलेषण कर काण्ड दैनिकी में अंकित कराने तथा दोषि पुलिस पदाधिकारीयों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करने की कृपा की जाय।

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