



केवटी/दरभंगा:_ राम जुलूम उच्च विद्यालय के मैदान में पुर्व मुखिया राम प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता में अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महा सभा केवटी मंडल ईकाई की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कमलापुरी वैश्य समाज के मैट्रिक, इण्टर व स्नातक एवं पोस्ट ग्रेजुएट में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण 51 छात्र – छात्राओं के बीच प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कमलापुरी वैश्य संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता, दरभंगा ग्रामीण कमलापुरी वैश्य संगठन के जिला अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद गुप्ता, पूर्व मुखिया रामप्रसाद गुप्ता, अधिवक्ता सनोज कुमार, भोला प्रसाद गुप्ता, केवटी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संतोष कुमार साहू , कृष्ण प्रसाद गुप्ता आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल किताबों के पन्नों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह सोचने, समझने और आगे बढ़ने की कला सिखाती है। यह हमें सही और गलत की पहचान कराती है और आत्मनिर्भर बनने का मार्ग दिखाती है। यही कारण है कि शिक्षा को भोजन, पानी और हवा की तरह ही जीवन का आधार माना जाता है। शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है; यह जीवन को समझने, समस्याओं को हल करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने की कला है। यह एक सतत प्रक्रिया है जो न केवल तकनीकी कौशल और ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास और बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा देती है। शिक्षा हमें यह सिखाती है कि हम क्या जानते हैं और कैसे सोचते हैं, जिससे हम अपने और समाज के भविष्य को आकार दे सकें। इसका उद्देश्य केवल एक अच्छी नौकरी पाना नहीं, बल्कि जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनाना भी है। शिक्षा हमें नई चीज़ें सीखने और दुनिया को बेहतर तरीके से समझने में मदद करती है। यह हमारे दिमाग को खोलती है और सोचने की क्षमता बढ़ाती है। स्कूल और कॉलेज में हमें केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि सोचने, निर्णय लेने और समस्या हल करने की कला भी सिखाई जाती है। अच्छी शिक्षा हमें अपने पसंदीदा क्षेत्र में करियर बनाने और सफलता पाने में मदद करती है। शिक्षा न केवल ज्ञान देती है बल्कि आत्मविश्वास, धैर्य और नई चीज़ें सीखने की जिज्ञासा भी बढ़ाती है। एक शिक्षित व्यक्ति सही और गलत के बीच फर्क समझ सकता है और अपने समाज के प्रति ज़िम्मेदार बनता है। शिक्षा व्यक्तिगत और सामाजिक विकास की आधारशिला है। यह व्यक्तियों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने और अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए ज्ञान, कौशल और मूल्यों से सशक्त बनाती है। छात्रों के लिए, शिक्षा बौद्धिक विकास, आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमताओं को बढ़ावा देने का एक साधन है। यह आत्मविश्वास का निर्माण करती है, नैतिक मूल्यों का पोषण करती है और उन्हें भविष्य के करियर के लिए तैयार करती है। व्यक्तिगत विकास से परे, शिक्षा समानता को बढ़ावा देती है, गरीबी को कम करती है और एक सूचित और कुशल कार्यबल बनाकर राष्ट्रीय प्रगति में योगदान देती है। यह एक आजीवन यात्रा है जो चरित्र को आकार देती है और क्षमता को अनलॉक करती है, जिससे यह सफलता प्राप्त करने और दुनिया में सकारात्मक योगदान देने के लिए अपरिहार्य हो जाती है। मौके पर प्रदीप प्रसाद गुप्ता, संतोष प्रसाद गुप्ता, गंगा प्रसाद गुप्ता, पशुपति प्रसाद गुप्ता, वैधनाथ प्रसाद गुप्ता, राम प्रकाश गुप्ता आदि मौजूद थे।

